क्यों नीतीश कुमार ने पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद? कहा-अब हम साथ काम करेंगे #INA

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया. उन्होंने अपने रिश्तों को लेकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता ने दशकों पहले उन्हें सीएम बनाया था. बिहार के आरा में एक रैली को संबोधित करते हुए 73 वर्षीय नेता ने कहा कि ‘मैं दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहा था. वह मुझे काफी पसंद करते थे. उन्होंने ही मुझे बिहार का सीएम बनाया था. यहां पर कुछ गलतियां हुईं लेकिन अब हम साथ काम करेंगे.’

कोई डर के मारे घर से नहीं निकल पाता था

उन्होंने बिहार में पहले ही आरजेडी की सरकार को लेकर कहा कि “हम देखते थे कि कोई काम नहीं हो रहा था. उनकी सरकार के कोई भी शाम के बाद डर के मारे अपने घर से नहीं निकल पाता था. इसकी वजह से झड़पें होती थीं. वे केवल मुस्लिम वोट चाहते थे. मगर हिंदू-मुस्लिम झगड़े काफी  अधिक होते थे… क्या हमारी सत्ता में आने के बाद इस तरह की झड़प हुई?’

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अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘हमने हिंदुओं, मुसलमानों, ऊंची जाति, पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों और महादलितों के लिए काम किया. हमने मुस्लिम समुदाय के लिए भी बहुत काम किया. मदरसों को सरकारी मान्यता दी गई और शिक्षकों को भी सरकारी स्कूल के शिक्षकों के बराबर वेतन दिया. वे (विपक्ष) वोट लेते रहे और कभी कुछ नहीं किया.”

नीतीश कुमार की जेडीयू एनडीए की प्रमुख सहयोगी है

12 लोकसभा सांसदों के साथ, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) एनडीए सरकार   में भाजपा की प्रमुख सहयोगी हैं. इस साल जनवरी में, नीतीश कुमार दो साल से भी कम समय में एनडीए में लौट आए, जब उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को छोड़कर लालू प्रसाद की राजद  से हाथ मिला लिया था. 1970 के दशक में जेपी आंदोलन के दौरान अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले नीतीश कुमार ने 2013 में भाजपा के साथ 17 साल लंबे गठबंधन को खत्म कर दिया और राजद के साथ फिर से जुड़े.  

उन्होंने 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन के रूप में लड़ा. इस दौरान उन्होंने जीत हासिल की. मगर ये गठबंधन लंबे समय तक नहीं टिक सका. नीतीश कुमार राजद को छोड़ एनडीए में लौट आए. उन्होंने एनडीए के हिस्से के रूप में 2019 का लोकसभा चुनाव और 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा. मगर 2022 में वह गठबंधन से बाहर हो गए और फिर से महागठबंधन में शामिल हो गए.

राजद ने नीतीश कुमार पर पलटवार किया है

बिहार के मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद सांसद मीसा भारती का कहना है कि “जब तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री थे तो नियुक्ति पत्र किसने वितरित किए?  3.5 लाख लोगों को एक साथ नियुक्ति पत्र दिए गए. अगर यह गलती थी, तो मुझे उम्मीद है” नेता बार-बार इस तरह की गलतियां करते हैं ताकि बिहार की जनता को इसका लाभ मिले.” उन्होंने कहा, ‘हमारे सरकार से बाहर जाने  के बाद उन्होंने कितने नियुक्ति पत्र बांटे हैं?… वह बार-बार यह कहकर क्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं करना चाह रहे हैं?” इसका मतलब है कि अंदर कुछ ठीक नहीं है, ”भारती ने एएनआई को बताया.


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