खबर मध्यप्रदेश – ‘असली और नकली किन्नरों की पहचान करिए सर’, जबलपुर की राधा बाई ने पुलिस थाने में लगाई गुहार – INA

मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में किन्नर समाज के भीतर लगातार बढ़ते विवादों के बीच, राधा बाई उर्फ मट्टू किन्नर ने जबलपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में उन्होंने नकली किन्नरों की पहचान के लिए जांच कराने की मांग की है. राधा बाई ने ज्ञापन में कहा है कि जबलपुर में ज्यादातर किन्नर असली नहीं हैं, बल्कि कई लोग लिंग परिवर्तन कराकर किन्नर समुदाय में शामिल हो रहे हैं. इन सभी के द्वारा लोगों से अवैध वसूली की जा रही है.
ये नकली किन्नर धमकियों का सहारा लेकर लोगों से ज्यादा धन की मांग कर रहे हैं. ज्ञापन क के अनुसार, कुछ लोग 70-80 हजार रुपये खर्च करके लिंग परिवर्तन और 80 हजार से 1.5 लाख रुपये तक का ऑपरेशन करवा रहे हैं. इसके बाद लोगों से वसूली करके लोगों को परेशान कर रहे हैं. अगर कोई शक्स उन्हें पैसा देने से मना कर देता है तो वो उन्हें धमकियां भी देते हैं. ऐसे में असली किन्नर समाज के लोगों का नाम बेकार हो रहा है.
असली किन्नरों की पहचान छिपी
राधा बाई का कहना है कि ऐसे व्यक्तियों की बढ़ती संख्या के कारण असली और नकली किन्नरों के बीच पहचान करना मुश्किल हो रहा है और इससे लगातार झगड़े हो रहे हैं. राधा बाई ने सुझाव दिया कि किन्नर समाज के भीतर अवैध वसूली और धमकियों को रोकने के लिए सभी बधाई या उत्सव के लिए 500 से 1000 रुपये की निश्चित राशि निर्धारित की जाए. इसके साथ ही, उन्होंने मांग की है कि शहर के सभी किन्नरों की मेडिकल जांच कराई जाए, ताकि असली और नकली किन्नरों की पहचान हो सके.
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि कुछ नकली किन्नर लोगों को डराकर 5,000 से 20,000 रुपये तक की अवैध वसूली करते हैं, जिससे शहर में विवाद और झगड़े की स्थिति उत्पन्न होती है. राधा बाई ने पुलिस अधीक्षक से निवेदन किया है कि इन विवादों को समाप्त करने और इलाके में शांति बनाए रखने के लिए एक स्पष्ट नियमावली बनाई जाए, जिससे किन्नरों की वसूली के लिए एक निश्चित दर निर्धारित हो और नकली किन्नरों की पहचान के लिए उचित कार्रवाई की जा सके. अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन इस ज्ञापन पर क्या कदम उठाता है और क्या वाकई में किन्नर समाज के भीतर बढ़ते विवादों को सुलझाने के लिए कोई ठोस पहल की जाती है.
Source link