खबर शहर , चांदी कारोबारी का कत्ल: कोई पुरानी रंजिश…धन कुमार जैन पर हमले में जेल गए थे अवधेश, हाईकोर्ट से हुए थे बरी – INA

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पटना में आगरा के प्रमुख सराफा कारोबारी अवधेश अग्रवाल की हत्या की घटना से एक बार फिर व्यापारी जगत में हलचल है। दिवंगत कारोबारी का नाम वर्ष 2015 में हत्या की कोशिश के मामले में सामने आया था। चांदी कारोबारी धन कुमार जैन उर्फ धन्नू पर घर के बाहर जानलेवा हमला हुआ था। उन्हें शूटरों ने गोली मारी थी। इस गोलीकांड में अवधेश अग्रवाल को पुलिस ने दो बार जेल भेजा था। एक बार हमले तो दूसरी बार गैंगस्टर में। हाल ही उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिली थी। उनके साथ दो और लोगों को बरी कर दिया गया था।

तब घटना 22 नवंबर 2015 की है। फुलट्टी बाजार में घर के बाहर कारोबारी धन कुमार जैन पर हमला हुआ था। उनको गोली मारी थी। वह अपने गार्ड के साथ भी थे। हमलावर थाना एमएम गेट के पास से निकल गए थे। कारोबारी धन कुमार की सीबी चेन के नाम से फर्म है। वह फर्म से लाैट रहे थे। कार से उतरते समय हमलावर आए। वारदात को अंजाम देकर भाग गए। वह सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।

घटना के बाद व्यापारी आक्रोशित थे, आगरा बंद का एलान कर दिया था। इस पर पुलिस ने खुलासे में जल्दबाजी दिखाई। पहला फर्जी खुलासा कर दिया। सवाल उठने लगे तो खुलासे को फर्जी मानते हुए दोबारा टीम लगी। इस पर 4 दिन बाद दोबारा खुलासा किया गया। इसमें दावा किया गया धन कुमार जैन के बड़े भाई प्रदीप जैन उर्फ बब्बे के साले विशाल अग्रवाल ने पूरी साजिश की। पुलिस ने दावा किया था कि पारस गैंग को सुपारी दी गई। विशाल को पूरा पैसा अवधेश अग्रवाल ने दिया था। पुलिस ने 4 को जेल भेजा था।

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डिस्ट्रीब्यूटरशिप छीनने पर हुई थी रंजिश

पुलिस ने तब खुलासे में दावा किया था कि कारोबारी अवधेश अग्रवाल धन कुमार जैन के भाई प्रदीप जैन उर्फ बब्बे के खास हुआ करते थे। दोनों एक साथ व्यापार करते थे। बब्बे ने उन्हें वर्ष 1996 में सीबी चेन की बिहार में डिस्ट्रीब्यूटरशिप दे दी थी। वर्ष 2014 में धन कुमार जैन का अवधेश से विवाद हो गया था। अवधेश से व्यापार खत्म कर दिया था। इससे रंजिश हो गई। धन कुमार पर हमला कराया गया। उधर, दिवंगत बब्बे के साले विशाल अग्रवाल को उसके भांजे की शादी में नहीं बुलाया गया था। उसकी बहन ने भी रिश्ता तोड़ दिया। इसलिए वह भी खुन्नस मानता था। पुलिस के दावे के मुताबिक, उसने अवधेश के साथ मिलकर साजिश रची थी। शूटरों के इंतजाम के लिए नरेंद्र गोयल से संपर्क किया गया था। उसकी रकाबगंज के हिस्ट्रीशीटर से दोस्ती थी। उसने पारस गैंग से 30 लाख में जान का साैदा किया था। पुलिस ने अवधेश अग्रवाल को समान आशय के साथ आपराधिक साजिश का आरोपी बनाया था। उनके खिलाफ दूसरा मुकदमा थाना एमएम गेट में रंगदारी मांगने का दर्ज हुआ था। इसमें पुलिस ने 3 बार अंतिम रिपोर्ट भी लगाई थी।

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सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका

बाद में हत्या की कोशिश में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया। इसके आधार पर अवधेश अग्रवाल को एक बार फिर जेल भेजा गया था। वर्ष 2022 में गैंगस्टर एक्ट में उनकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की गई। इस पर कारोबारी हाईकोर्ट चले गए। परिवार के लोगों ने बताया कि 20 सितंबर 2024 को वह दोनों मामलों में बरी हो गए। उधर, हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ धन कुमार जैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें सुनवाई होना बाकी है।

फर्जी खुलासे में फंस गए थे पुलिसवाले

धन कुमार जैन पर हुए हमले में मामले में पुलिस पहली बार खुलासा कर फंस गई थी। 24 नवंबर 2015 को खुलासा किया था कि प्रापर्टी डीलर योगेश ने चाैथ वसूली के लिए हमला कराया। तब पुलिस ने योगेश सहित दो को जेल भेजा था। इस खुलासे से पुलिस की खूब किरकिरी हुई थी। पहली बार हुआ था कि हमले में इस्तेमाल पिस्टल की फोटो दिखाई गई थी। बाद में दूसरा खुलासा हुआ था।

 


Credit By Amar Ujala

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