खबर शहर , बटेश्वर मेला: छोटी पूंछ और मजबूत खुर…कीमत 3.50 लाख रुपये, वैष्णो देवी की चढ़ाई में माहिर है खच्चर राजा – INA

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लंबे कान, छोटी पूंछ और मजबूत खुर वाले खच्चरों से आबाद हुए बटेश्वर मेले में वैष्णो देवी की चढ़ाई में माहिर खच्चर राजा की खूबी पर खरीदार रीझ रहे हैं। बलदेव, मथुरा के निनुआ 70 हजार से 2.50 लाख रुपये कीमत के 15 खच्चर मेले में लाए हैं। लेकिन उन्होंने अंबर नस्ल के खच्चर राजा की कीमत 3.50 लाख रुपये रखी है। बताया कि केदारनाथ के व्यापारी श्यामसुंदर ने तीन लाख रुपये कीमत लगाई है।

निनुआ ने बताया कि वैष्णो देवी की करीब 15 किलोमीटर चढ़ाई 2 क्विंटल वजन लेकर राजा चढ़ जाता है। उसकी चाल भी तेज है। खुराक में घास और चना शामिल हैं। चरते समय आंखों से ओझल होने पर बेटे श्याम बिहारी के आवाज देने पर दौड़ा चला आता है। भट्ठों पर 10 हजार ईंट की बुग्गी को खींचने की क्षमता रखने वाले राजा की घोड़े की तरह दौड़ की खूबी भी पारखियों को भा रही है। निनुआ ने बताया कि वह खच्चर गढ़मुक्तेश्वर, हवेली, पुष्कर, बटेश्वर आदि मेलों में बेचने खरीदने को जाते हैं।

इधर, पशुओं के मेले में बुधवार को इंग्लैंड के न्यूमेरी, स्टुवर्ट पहुंचे। मेले में खच्चरों को देखा और उनकी चढ़ाई और वजन ढोने की खूबी के बारे में गाइड गजेंद्र सिंह डांगर से जाना तो दंग रह गए। उन्होंने ऊंट और घोड़े भी देखे। कहा कि इतनी बड़ी संख्या में ऊंट और खच्चर पहले कभी नहीं देखे।

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घोड़ा पवन के नाच के दीवाने हुए व्यापारी
 बटेश्वर में घोड़ों का मेला बुधवार को खचाखच भरा रहा। अबलक, नकुली, मारवाड़ी, पंजाबी नस्ल के घोड़ों की खूब खरीद फरोख्त भी हुई। घोड़ों के मेले में नकुली घोड़े पवन के नाच के व्यापारी दीवाने दिखे। फिरोजाबाद के भाेलू उस्ताद ने बताया कि वह पवन को हॉर्स शो में शामिल करने के लिए लाए थे। इस साल जिला पंचायत के कार्यक्रम में हॉर्स शो का आयोजन नहीं है। लिहाजा मेला क्षेत्र में उसके नाच और करतब दिखाने के बाद लौट जाएंगे।

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जीता था  51 हजार रुपये का पुरस्कार
उन्होंने बताया कि पुष्कर के मेले में पवन ने नृत्य और दौड़ में 51 हजार रुपये का पुरस्कार जीता था। चारपाई पर नृत्य में पवन माहिर है। फिरोजाबाद के ही कुलदीप उस्ताद नकुली घोड़ी बसंती को नृत्य में पारंगत करने में जुटे थे। उन्होंने बताया कि सालभर में बसंती नृत्य में माहिर हो जाएगी। बटेश्वर मेले में बरेली के जावेद अपने घोड़े को दौड़ाते रहे। सभी ने बताया कि जिला पंचायत ने हॉर्स शो का आयोजन नहीं किया है। इसलिए निराश होकर लौटने को मजबूर हैं। जो भी हो बटेश्वर मेले में घोड़े-घोड़ी के नाच दौड़ के प्रदर्शन से व्यापारी किसानों का खूब मनोरंजन हो रहा है।

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बटेश्वर मेले में नहीं लगा पशु चिकित्सा शिविर
बटेश्वर मेले में वाहनों से उतारते-चढ़ाते वक्त घोड़े, ऊंट और खच्चर को चोट लग रही है। सर्द-गर्म मौसम से निमोनिया का खतरा बढ़ा है। पर, उदघाटन के दूसरे दिन बुधवार को भी पशु मेले में उपचार के लिए शिविर नहीं लगा। घायल और बीमार मवेशी के इलाज के लिए व्यापारी परेशान हैं। झोलाछाप से इलाज कराना पड़ रहा है। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. धर्मशीला ने बताया कि निर्देश मिलते ही शिविर शुरू करा देंगे। बटेश्वर के पशु अस्पताल पर स्टाफ की तैनाती नहीं है।
 


Credit By Amar Ujala

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