खबर शहर , यूपी में आर्थिक शक्ति बनीं महिलाएं: पहले सिर्फ 60 हजार, अब 3.27 लाख संपत्तियों पर मिला मालिकाना हक – INA

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पारिवारिक संपत्ति में महिलाओं की हिस्सेदारी व उनके अधिकार के लिए उत्तर प्रदेश में बनाए गए नियमों ने उन्हें सही मायने में मालकिन बना दिया है। रक्त संबंधों में केवल पांच हजार रुपये में संपत्ति दान करने के फैसले का ही असर है कि महज ढाई वर्ष में लगभग 3.27 लाख संपत्तियों पर बेटियों और बहनों का हक पिता व भाइयों ने उनके नाम कर दिया। वहीं, इसी अवधि में कुल 38 लाख संपत्तियां महिलाओं के नाम की गई हैं।

महिलाओं के नाम रजिस्ट्री कराने में मिलने वाली एक फीसदी छूट और गिफ्ट डीड का खासा असर पड़ा है। इसके जरिए प्रदेश में प्रापर्टी पर अधिकार मिलने से महिलाओं की स्थिति बदल रही है। जानकर हैरत होगी कि ढाई वर्ष में 3.75 लाख करोड़ रुपये के घर, ऑफिस और मकान महिलाओं के नाम किए गए हैं। इसमें 5,000 रुपये की गिफ्ट डीड की बड़ी भूमिका है। इसी गिफ्ट डीड का असर है कि जहां पहले करीब 60 हजार संपत्तियों पर महिलाओं को विधिक अधिकार मिलता था, वहीं अब ये संख्या बढ़कर 3.27 लाख हो गई है।

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महिलाओं के पक्ष में संपत्ति दान करने की बढ़ी संख्या

घर की महिलाओं के पक्ष में पांच हजार रुपये में संपत्ति दान करने की संख्या बढ़ रही है। वर्ष 2022 में प्रयोग के रूप में लागू इस योजना के तहत 1,22,487 संपत्तियां महिलाओं को दान की गईं। वर्ष 2023 में गिफ्ट डीड स्थायी रूप से लागू की गई। तब 98,381 संपत्तियां महिलाओं के नाम की गईं। वहीं इस वर्ष अभी तक 1,06,363 संपत्तियां घर की महिलाओं को दान की जा चुकी हैं।

वर्ष कुल रजिस्ट्री मार्केट वैल्यू स्टांप

2024 (2 अक्तूबर तक)
—- 
9,70,000
—- 
10.08 लाख करोड़
—- 
5,956 करोड़

2023
—- 
14,24,646 
—-
14 लाख करोड़ 
—-
8,094 करोड़

2022
—- 
14,35,780 
—-
13.33 लाख करोड़ 
—- 
7,644 करोड़ (नोट- मार्केट वैल्यू व स्टांप ड्यूटी रुपये में है)

स्टांप एवं पंजीयन मंत्री स्वतंत्र प्रभार रवींद्र जायसवाल का कहना है कि महिला अधिकार व सशक्तिकरण को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के विजन को ध्यान में रखते हुए विभाग ऐसी योजनाएं लाया है, जिससे सही मायने में महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा मिली है। रक्त संबंधों में पांच हजार रुपये में संपत्ति दान करने की योजना का मकसद परिवारों में सौहार्द का वातावरण तैयार करना है। बहु-बेटियों-बहनों को उनका अधिकार दिलाने की दिशा में किए गए प्रयासों का परिणाम है कि लगभग चार लाख करोड़ रुपये की प्रापर्टी उनके नाम हो चुकी है।


Credit By Amar Ujala

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