खबर शहर , Agra News: केवल चार जिम का पंजीकरण… चल रहीं 250 से ज्यादा; संदेह के घेरे में ट्रेनर की योग्यता – INA

उत्तर प्रदेश के आगरा में जिन जिमों में हजारों रुपये माह की फीस देकर लोग शरीर को सुडौल बना रहे हैं, वह अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। गली-मोहल्लों में जिम खुली हैं। इनमें से अधिकांश के पास क्षेत्रीय क्रीड़ा कार्यालय की अनुमति नहीं है। अब तक यहां केवल चार जिम का पंजीकरण है, जबकि जिले में 250 से ज्यादा जिम संचालित हो रही हैं। इन अवैध जिमों में ट्रेनर की योग्यता को लेकर भी संदेह रहता है। इनकी थोड़ी सी चूक जान पर बन सकती है। पर, यह पूरा खेल, विभाग और जिम संचालकों की सांठगांठ से चल रहा है।

जिले में वर्तमान में सिर्फ चार जिम पंजीकृत हैं, जिनमें ताज होटल, होटल कोर्टियाड, ताज होटल कन्वेंशन, स्पोर्ट्स बज विजयनगर हैं। बाकी अवैध चल रही हैं। इसका खामियाजा सरकारी कोष पर पड़ रहा है। जिम संचालन के लिए हर साल 15 हजार रुपये की फीस के साथ अनुमति पत्र जारी होता है। 


यह 15 हजार रुपये जिला खेल प्रोत्साहन समिति के खाते में जमा कराने होते हैं। इन पैसों से खेल के क्षेत्र में सरकारी सुविधाओं से बढ़ावा दिया जाता है। आरोप लग रहा है कि इस पैसे को जिम संचालक और विभाग मिलकर डकार रहे हैं। अधिकारी निरीक्षण करने नहीं निकलते। पुलिस का सहयोग न मिलने और जनता से शिकायत न मिलने की दुहाई दे दी जाती है।
 


हर साल 25 लाख की चपत

खेल विभाग को हर साल अवैध जिम संचालन से 25 लाख रुपये की चपत लग रही है। दरअसल, जिले में 250 से ज्यादा जिम संचालित हैं। शासन ने 2020 में आदेश भी जारी किया था। मगर, अधिकारियों ने चार साल में भी शासन के आदेश को तवज्जो नहीं दी।
 


डिग्री धारक होना चाहिए ट्रेनर

प्रभारी क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी सविता श्रीवास्तव ने बताया कि जिम ट्रेनर होने के लिए राष्ट्रीय खिलाड़ी या प्रोफेशनल डिग्री यानी फिटनेस संबंधी विषयों में ग्रेजुएशन या डिप्लोमा होनी चाहिए। इसके अलावा बीपीएड और एमपीएड डिग्री धारक भी जिम ट्रेनर, कोच बन सकते हैं। इनको जिम में मशीनों, शारीरिक क्रियाओं की जानकारी होती है, जिससे यह लोगों को सुरक्षित तरीकों से कसरत करना सिखाते हैं।


हादसे का कौन जिम्मेदार

बेलनगंज निवासी दीपू खंडेलवाल ने कहा है कि सवाल यह भी खड़ा होता है कि अगर इन जिम में कोई हादसा हो जाता है, तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा। इसके अलावा जिम संचालकों की ओर से मोटी कमाई के लालच में प्रशिक्षुओं को सप्लीमेंट पाउडर दिए जाते हैं। इनके विषय में जानकारी रखने के लिए वहां कोई न्यूट्रिशन नहीं होता है। इन सप्लीमेंट के कई घातक परिणाम सामने आ चुके हैं।
 


अनुमति लेनी आवश्यक

जिम संचालन के लिए क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी कार्यालय से अनुमति लेनी होती है। इसकी एवज में 15 हजार रुपये प्रतिवर्ष जिला खेल प्रोत्साहन समिति के खाते में जमा कराने होते हैं। क्षेत्रीय कार्यालय के रिकॉर्ड में सिर्फ चार जिम पंजीकृत हैं। – सविता श्रीवास्तव, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी


Credit By Amar Ujala

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