खबर शहर , BHU : स्कूल की प्रिंसिपल ने लिया कथक प्रोफेसर का इंटरव्यू, हाईकोर्ट ने रिजल्ट पर लगाया स्टे; रोचक है यह मामला – INA

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बीएचयू में शिक्षकों के प्रमोशन के मामले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। मंच एवं संगीत कला संकाय में एक कथक शिक्षिका के प्रमोशन का इंटरव्यू लेने के लिए भरतनाट्यम की एक्सपर्ट पहुंची थी। दूसरी बड़ी बात ये भी है कि प्रोफेसर पद के लिए इंटरव्यू लेने वाले पूरे पैनल में कोई खुद भी प्रोफेसर नहीं था।

एक सदस्य प्राइवेट हाईस्कूल की प्रिंसिपल, दूसरी डिग्री कॉलेज की प्रिसिंपल और तीसरी संयुक्त रूप से पद्मश्री प्राप्त कलाकार। ये ही एकमात्र कथक की नर्तिका हैं, वहीं बाकी दोनों भरत नाट्यम से जुड़ी हैं। ये मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट भी पहुंचा। वहां से कोर्ट द्वारा इस इंटरव्यू के रिजल्ट पर स्टे लगा दिया गया।

हाई कोर्ट ने कहा कि विभाग के प्रमोशन का लिफाफा न खोला जाए। क्योंकि, एक्सपर्ट योग्य नहीं हैं। कॅरिअर एडवांसमेंट स्कीम के तहत इस प्रमोशन के लिए इंटरव्यू इसी साल चार जनवरी को हुआ था। 29 मार्च को इस पर स्टे लगा। प्रमोशन का नियम कहता है कि एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर पद पर प्रमोट करने वाले इंटरव्यू पैनल में प्रोफेसर का होना जरूरी है।


बांसुरी, वायलिन और तबला वादक ने लिया सितार वादक का इंटरव्यू
बीएचयू के इसी संकाय में ऐसा ही दूसरा मामला भी सामने आया है, हालांकि ये मामला कोर्ट तक नहीं पहुंचा है। इसमें सितार वादक के प्रमोशन के इंटरव्यू के लिए बांसुरी वादक, वायलिन और तबला वादक पहुंचे थे। यही नहीं, इंटरव्यू बोर्ड के तीनों सदस्यों ने सितार वादक को प्रमोशन के लिए उपयुक्त नहीं पाया। उन्हें रिजेक्ट कर दिया।

बीएचयू की सितार वादक असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर तो नहीं बन सकीं, लेकिन कैंपस में चर्चा चहुंओर है कि तबला, वायलिन और बांसुरी बजाने वालों ने सितार वादक का इंटरव्यू कैसे लिया। वहीं पूरे मामले में बीएचयू के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने पूरे मामले में अनभिज्ञता जताते हुए कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।


Credit By Amar Ujala

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