मैनपुरी की यादव बहुल करहल सीट पर इस बार भाजपा की रणनीति कामयाब होती नजर आ रही। सपा का कोर वोट बैंक माने जाने वाले यादव समाज में भाजपा ने अनुजेश सिंह यादव के सहारे सेंध लगा दी थी।
यही वह ट्रंप कार्ड था तो सपा को यहां अजेय रखे था। ऐसे में मतदान के दौरान यहां सपा और भाजपा में कांटे की टक्कर नजर आई। हार-जीत चाहे किसी को हो, लेकिन अनुजेश के प्रयोग से भाजपा बराबरी पर खड़ी है।
करहल विधानसभा सीट सपा का गढ़ मानी जाती है। 2022 में केवल एक बार यहां भाजपा जीती, इसके बाद लगातार सपा का यहां कब्जा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद सपा ने मुलायम सिंह यादव के पौत्र और पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव को टिकट दिया था।
भाजपा ने यहां इस चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए एक ऐसा अर्जुन चुना जो इस चक्रव्यूह की संरचना से भलीभांति वाकिफ था। ये अर्जुन और कोई नहीं बल्कि मुलायम सिंह यादव के दामाद अनुजेश सिंह यादव थे। भाजपा ने उन्हें ही प्रत्याशी बनाया था।
अनुजेश ने मतदाताओं को मनाया इसके साथ ही चुनाव प्रचार में भी भाजपा ने पूरा दम लगाया। 20 नवंबर को जब मतदान हुआ तो भाजपा का ये प्रयोग कामयाब होता नजर आया। दरअसल अनुजेश सिंह यादव भी न केवल यादव समाज से आते हैं बल्कि सैफई परिवार के सगे रिश्तेदार भी हैं। इसके चलते जिन यादव बहुल क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों का प्रवेश भी वर्जित था वहां बैठकर अनुजेश ने मतदाताओं को मनाया।
करहल सीट पर सपा-भाजपा में कांटे का मुकाबला मतदान के दौरान इसके परिणाम साफ नजर आ रहे थे। यादव बहुल क्षेत्रों में अनुजेश के सहारे भाजपा वोट पाने में कामयाबी होती नजर आई। ऐसे में कहीं न कहीं करहल में भाजपा सपा से कांटे के मुकाबले में शामिल हो गई है। हालांकि नतीजे 23 नवंबर को मतगणना के बाद ही सामने आ सकेंगे।
सीएम योगी के नारे की भी रही चर्चा चुनाव और मतदान के दौरान सीएम योगी के नारे की भी चर्चा रही। दरअसल घिरोर में जनसभा करने आए सीएम ने नारा दिया था कि कृष्ण कन्हैया हम आएंगे, आपकी भावनाओं का सम्मान कराएंगे। इस नारे के माध्यम से सीएम ने लोगों की आस्था को झकझोरा और मतदाताओं को भाजपा के पाले में लाकर खड़ा कर दिया।