खबर शहर , Meet At Agra 2024: ताजनगरी में जूते की 200 स्टॉल लगाएंगे 35 देश, 5 हजार करोड़ के व्यापार की उम्मीद – INA

आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमेक) का ‘मीट एट आगरा’ आयोजन 8 नवंबर से शुरू होगा। तीन दिवसीय मेला सींगना स्थित आगरा ट्रेड सेंटर में होगा। सोमवार को खंदारी बाईपास रोड स्थित होटल में पोस्टर जारी करते हुए पदाधिकारियों ने 5 हजार करोड़ रुपये के व्यापार होने की उम्मीद जताई।

अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि ‘मीट एट आगरा’ में स्पेन, इटली, जर्मनी, यूके, अर्जेंटीना समेत 35 देशों के उद्यमी जूते की 200 से अधिक स्टॉल लगाएंगे। इनमें 6 हजार से अधिक ट्रेड विजिटर्स और 20 हजार लोग भ्रमण करेंगे। इस बार 5 हजार करोड़ रुपये के व्यापार की उम्मीद है, पिछली बार 4 हजार करोड़ का व्यापार हुआ था। सिंथेटिक- स्पोर्ट्स जूतों की बढ़ती मांग को देखते हुए इन पर भी ‘मीट एट आगरा’ में जोर रहेगा।

कमेटी चेयरमैन गोपाल गुप्ता ने बताया कि इसमें नई तकनीक, नवाचार, व्यापार कैसे बढ़ाएं और देश-दुनिया के बाजार की जानकारी एक छत के नीचे मिल सकेगी। उपाध्यक्ष राजेश सहगल और महासचिव राजीव वासन ने बताया कि जूता कारोबार में चीन के मुकाबले भारत मजबूत विकल्प बन रहा है। कई बड़ी कंपनियों ने चीन से आयात भी बंद कर दिया है। हम घरेलू व्यापार को दुनिया के बाजार को देखते हुए विकसित कर रहे हैं।

प्रदीप वासन ने कहा कि दुनिया में जूते का 13 फीसदी उत्पादन भारत में होता है। ऐसे में निर्यात और व्यापार बढ़ाने में ‘मीट एट आगरा’ विशेष भूमिका निभा रहा है। पोस्टर विमोचन में फ्रेटरनिटि ऑफ आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स के अध्यक्ष कुलदीप सिंह, कैप्टन एसएस राना, श्याम बंसल, अनिरुद्ध तिवारी, नकुल मनचंदा, उपेंद्र सिंह लवली आदि मौजूद रहे।

चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश से दूरी

 एफमेक अध्यक्ष ने बताया कि ‘मीट एट आगरा’ में चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के व्यापारी नहीं आएंगे। चीन के मुकाबले ताइवान को प्राथमिकता दी जा रही है। यहां की 8 स्टॉल लगेंगी। ताइवान की तकनीक, कंपोनेंट और गुणवत्ता चीन के मुकाबले बेहतर और जर्मनी के समतुल्य है।

एक साल में 1500 रुपये जूतों के लिए

एफमेक सचिव ललित अरोड़ा ने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय प्रति साल 1500 रुपये जूतों पर खर्च करते हैं, ये अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है। इसमें 70 फीसदी चमड़ा का जूता है। भारत देश-दुनिया की 5वीं अर्थव्यवस्था बना है और आर्थिक तरक्की कर रहा है, ऐसे में उम्मीद है कि ये खर्च 5000 रुपये हो जाएगा।

 


Credit By Amar Ujala

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