खबर शहर , Sambhal Jama Masjid case: बाबरी और दिल्ली से भी पहले की है संभल की जामा मस्जिद, 1526 में किया गया था निर्माण – INA

संभल जामा मस्जिद की प्राचीनता इससे ही स्पष्ट हो रही कि वह दिल्ली की जामा मस्जिद और अयोध्या की बाबरी मस्जिद से भी पहले बनाई गई थी। संभल जामा मस्जिद को 1526 में निर्माण किया गया था। जबकि अयोध्या में बाबरी मस्जिद 1527 में निर्माण हुई थी।

यह दोनों ही मस्जिद बाबर के शासनकाल में बनकर तैयार हुई थीं। इसके बाद दिल्ली की जामा मस्जिद 1656 में शाहजहां द्वारा बनवाई गई थी। शाहजहां ने ही लाल किला 1548 में निर्माण कराया था। हालांकि नींव उसी 1538 में रख दी गई थी।
देश की प्राचीन और भव्य इमारतों से पहले संभल की जामा मस्जिद का निर्माण किया गया था। इसका प्रमाण पुरातत्व विभाग के रिकॉर्ड में भी मिलता है।  जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट का कहना है कि सही निर्माण की तारीख 1526 ई ही है।
इसका जिक्र कई किताबों में मिलता है। बाबर के शासनकाल के दौरान ही इसका निर्माण किया गया था। वहीं दूसरी ओर हिंदू पक्ष मंदिर खंडित कर 1527 में मस्जिद का निर्माण करने का दावा कर रहा है। इन तथ्यों और दावों के लिए न्यायालय सर्वे करा रहा है।


मस्जिद के नजदीक भीड़ जमा होने पर आपत्ति

संभल जामा मस्जिद का सर्वे मंगलवार को पहले दिन हुआ था। बुधवार को काफी लोग मस्जिद के नजदीक पहुंचे। इस पर कमेटी के सदस्यों ने मस्जिद के बाहर भीड़ जमा होने पर आपत्ति की। एएसपी श्रीश्चंद्र से आपत्ति करते हुए कहा कि मस्जिद के नजदीक भीड़ लगना बेहतर नहीं है। इसलिए मीडिया को मस्जिद के नजदीक ज्यादा भीड़ न लगाने दी जाए। इससे आम लोगों को गलत फहमी हो रही है।


सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी जामा मस्जिद

हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोग सोशल मीडिया पर जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर को लेकर खूब चर्चा कर रहे हैं। मंगलवार की रात से यह मुद्दा सोशल मीडिया पर चल रहा है। बुधवार को हिंदू और मुस्लिम पक्ष के लोग अपने अपने तरीके से चर्चा कर रहे हैं। तरह तरह की टिप्पणी भी की जा रही हैं। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि सोशल मीडिया पर भी पुलिस की निगरानी है।


यदि किसी ने गलत तरह की टिप्पणी की या माहौल खराब करने का प्रयास किया तो पुलिस सख्ती से निपटेगी। इसलिए सोशल मीडिया पर निगरानी टीम कर रही है। कहा कि यदि कोई अफवाह फैलाकर माहाैल बिगाड़ने का प्रयास करे तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें। उस पर कार्रवाई की जाएगी।


जामा मस्जिद के खाते में है कई करोड़ की संपत्ति

जामा मस्जिद ऐतिहासिक धरोहर होने के साथ करोड़ों रुपये की संपत्ति भी इसके खाते में है। कृषि भूमि भी मस्जिद के नाम है। इस संपत्ति का ब्योरा कमेटी के पास रहता है। किराया भी कमेटी के पास ही जमा किया जाता है। संभल शहर में दुकानें और कृषि भूमि मस्जिद के नाम है।


इसका सालाना किराया कमेटी के पास जमा किया जाता है। दुकानों का किराया महीने में मिलता है। पूरी कमेटी इसका हिसाब रखती है। वर्ष में इसका हिसाब भी किया जाता है।    जामा मस्जिद कमेटी के सदर ने बताया कि कमेटी के सभी सदस्यों के पास जिम्मेदारी है।

मस्जिद की संपत्ति का सारा हिसाब रखा जाता है। आय और व्यय का मिलान किया जाता है। लोगों का मानना है कि कई करोड़ की संपत्ति जामा मस्जिद की है। काफी संपत्ति तो मस्जिद के आसपास ही स्थित है।


Credit By Amar Ujala

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