खबर शहर , UP: सर्दी से पहले ही चंबल सेंक्चुअरी में पहुंचा ब्लैक हेडेड आइबिस का झुंड, सांप तक को भी निगल लेता है – INA

सर्दी के मौसम में आने वाले ब्लैक हेडेड आइबिस का एक झुंड चंबल सेंक्चुअरी की बाह रेंज में समय से पहले आ गया। ब्लैक हेडेड आइबिस अमूमन नवंबर महीने में चीन, म्यांमार, मलयेशिया, मंगोलिया से चंबल के लिए उड़ान भरते हैं। अप्रैल के आखिर में वापसी की राह पकड़ते हैं।

 


रेंजर उदय प्रताप सिंह ने बताया कि समय से पहले आए ब्लैक हेडेड आइबिस नदी क्षेत्र में सांपों को निगलते देखे जा रहे हैं। आमतौर पर मछली, मेढक, जलीय कीड़े इनका भोजन होते हैं। पर, बाह रेंज में जलीय सांपों को पकड़कर निगलते हुए उड़ान भरते दिखना आम बात है। इनकी लंबी, टेढ़ी और नीचे की ओर झुकी चोंच सांपों के शिकार में मददगार होती है।

 


ब्लैक हेडेड आइबिस का वैज्ञानिक नाम थ्रेसकोर्निस मेलानोसेफालस है। स्थानीय नाम सफेद बुज्जा है। अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक संघ (आईयूसीएन) की रेड बुक में खतरे के करीब दर्ज ब्लैक हेडेड आइबिस की चंबल क्षेत्र में मौजूदगी सुकून देती है।

 


पंख होते हैं सफेद
 ब्लैक हेडेड आइबिस का सिर, गर्दन और पैर काले होते हैं। पंख सफेद होते हैं। चोंच नीचे की ओर मुड़ी होती है। लंबाई करीब 65-70 सेमी होती है। वजन 1-1.20 किग्रा, पंख फैलाव 90-110 सेमी होता है। नर और मादा एक जैसे होते हैं।


Credit By Amar Ujala

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