खबर शहर , Weather Update: 48 घंटे में ढाई डिग्री गिरा रात का पारा, ठंड बढ़ी, फेंगल का असर आने पर बदलेगा हवाओं का रुख – INA

पर्वतीय क्षेत्रों से आ रहीं उत्तर पश्चिमी हवाओं ने रात का पारा लुढ़का दिया है। 48 घंटे में रात का न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस कम हुआ है। 24 घंटे में अधिकतम और न्यूनतम तापमान एक डिग्री से अधिक घटे हैं। तापमान में गिरावट होने की वजह से रात में ठंडक बढ़ गई। शहरियों को एक स्वेटर पहनना पड़ा। सीएसए के मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आसमान साफ रहा और उत्तर पश्चिमी हवाओं की निरंतरता बनी रही तो तापमान और कम हो सकता है। गुरुवार सुबह दृश्यता सामान्य दो किमी की तुलना में सात सौ मीटर रही।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि तापमान में एक-दो डिग्री का उतार-चढ़ाव अभी बना रह सकता है। बादल आने पर पारा बढ़ सकता है और आसमान साफ होने पर न्यूनतम पारा और नीचे आ सकता है। सीएसए के मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर पश्चिमी की हवाओं के नमी लाने से माहौल में आर्द्रता 95 फीसदी हो गई है। 24 घंटे में अधिकतम पारा 1.2 डिग्री और न्यूनतम पर एक डिग्री सेल्सियस नीचे आया है। विभाग के तकनीकी अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि सुबह सात बजे सात सौ मीटर दृश्यता रही। पांच दिन तक इसी तरह धुंध बने रहने का पूर्वानुमान है। लेकिन अभी बारिश की कोई संभावना नहीं है।


वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि एक पश्चिमी विक्षोभ शुक्रवार और दूसरा शनिवार को आने का अनुमान है। इन दो पश्चिमी विक्षोभों का प्रभाव मौसमी गतिविधियों पर पड़ेगा। 29 नवंबर से शुरू होने वाली मौसमी हलचल तीन दिसंबर तक बनी रहेगी। इससे ऊंची पर्वतीय श्रंखला पर बारिश और बर्फबारी हो सकती है। इसका असर मैदानी इलाकों पर आएगा। उन्होंने बताया कि तीन दिसंबर तक मौसमी गतिविधियों के दौरान कानपुर परिक्षेत्र का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के आसपास रहने की उम्मीद है। चार दिसंबर से जब गतिविधियां खत्म होंगी तो तापमान और अधिक गिरने का अनुमान है। इसके साथ ही मैदानी इलाकों में धुंध और कोहरे की तीव्रता का विस्तार होगा। वहीं फेंगल चक्रवात का कानपुर परिक्षेत्र पर हल्का असर आएगा। इससे हवाओं का पैटर्न बदल सकता है। उत्तर पश्चिमी हवाओं के स्थान पर पूर्वी हवाएं बहने लगेंगी।


रबी की फसलों के लिए मुफीद मौसम
वरिष्ठ मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यह मौसम रबी की फसलों के लिए मुफीद है। अधिकतम तापमान अधिक और न्यूनतम तापमान के कम होने से चना, मटर, गेहूं, लाही आदि की फसलों को फायदा होता है। किसानों को चाहिए कि इस दौरान खेतों में नमी बनाए रखें।

तापमान
अधिकतम-26.6 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम-9.5 डिग्री सेल्सियस


Credit By Amar Ujala

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