दुनियां – रूस कल दो ईरानी उपग्रह कोसावर और होदहोद को करेगा लॉन्च, पश्चिमी देशों में डर का माहौल – #INA
रूस कल यानी मंगलवार को दो ईरानी उपग्रहों को कक्षा में प्रक्षेपित करेगा. मास्को में ईरान के राजदूत ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने रूस और ईरान के बीच करीबी वैज्ञानिक संबंधों की भी प्रशंसा की है. रूसी रॉकेट 5 नवंबर की सुबह दो निजी ईरानी कंपनियों द्वारा निर्मित उपग्रहों को कक्षा में प्रक्षेपित करेगा. यह पहल ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश यूक्रेन और इजराईल के साथ युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं.
यूक्रेन पर रूस के सैन्य हमले और मध्य पूर्व में संघर्ष के बीच दोनों देशों के बीच संबंध और व्यापार मजबूत हुए हैं. अंतरिक्ष प्रक्षेपण उनकी बढ़ती साझेदारी का सिर्फ एक पहलू है. मास्को में ईरान के राजदूत काजेम जलाली ने कहा कि रूसी रॉकेट मंगलवार को दो ईरानी उपग्रहों कोसावर और होदहोद को कक्षा में प्रक्षेपित करने के लिए तैयार है. वहीं पश्चिमी देशों ने इस अंतरिक्ष कार्यक्रम पर चिंता जताई है.
500 KM दूर पृथ्वी की कक्षा में होगा लॉन्च
दोनों ईरानी उपग्रहों को ईरान की नीजी कंपनी ओमिद फजा ने डिजाइन और निर्मित किया है. ईरानी राजदूत काजम जलाली ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘ईरान-रूस वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग के विकास को जारी रखते हुए, दो ईरानी उपग्रहों- कोसर और होदहोद को मंगलवार 5 नवंबर को सोयुज प्रक्षेपण यान द्वारा 500 किलोमीटर की पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च किया जाएगा.’
उन्होंने कहा कि यह प्रक्षेपण तेहरान समयानुसार सुबह 2 बजकर 48 मिनट पर रूसी सोयुज रॉकेट के माध्यम से किया जाएगा. इसके साथ ही ईरान की ओर से इस बारे में एक बयान भी जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि इमेजिंग और संचार उपग्रहों को ईरान की ओमिद फजा कंपनी द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है. इसे कृषि, पर्यावरण निगरानी और दूरदराज के क्षेत्रों में संचार के लिए बनाया गया है.
पश्चिमी देशों को इससे डर है
ईरानी राजदूत जलाली ने कहा कि रूस ने पहले भी कुछ ईरानी उपग्रहों को लॉन्च किया है. लेकिन यह निजी क्षेत्र की पहल का पहला उदाहरण है. उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि इन दो उपग्रहों के प्रक्षेपण के साथ ईरान के निजी क्षेत्र के अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रवेश की दिशा में एक दृढ़ और निर्णायक पहला कदम होगा.’ वहीं, पश्चिमी देशों ने अंतरिक्ष कार्यक्रम पर चिंता व्यक्त की है.
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पश्चिमी देशों का कहना है कि उन्हें डर है कि ईरान इस तकनीक का इस्तेमाल परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए भी कर सकता है. हालांकि, ईरान का कहना है कि उसका अंतरिक्ष कार्यक्रम शांतिपूर्ण है. यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का अनुपालन करता है. जिसका उद्देश्य ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाना है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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