दुनियां – 76 वे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि हो सकते इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो, इसलिए होगा दौरा खास – #INA
भारत 26 जनवरी 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. इस मौके पर हर साल की तरह इस बार भी नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भव्य परेड का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन होगा. हर साल दूसरे देशों के कई नेता इस परेड में हिस्सा लेने आते हैं और भारत के विशाल गणतंत्र का भव्य समारोह देखते हैं.
इस बार भी भारत सरकार कई विदेशी मेहमानों को निमंत्रण भेज रही है. खबर है कि इस बार 76वां गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो भारत आ सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो यह चौथी बार होगा जब कोई इंडोनेशियाई नेता भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होगा.
पहले गणतंत्र दिवस में भी इंडोनेशियाई नेता थे मुख्य अतिथि
यहां ये बताना महत्वपूर्ण है कि 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर तत्कालीन इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे. तब से अब तक तीन बार इंडोनेशियाई नेता भारत के गणतंत्र दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि आ चुके हैं.
साल 2011 में तत्कालीन इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुसीलो बामबांग युधोयोनो मुख्य अतिथि थे, इसके बाद साल 2018 में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो अन्य एशिया नेताओं के साथ मुख्य अतिथि थे.
क्यों है ये दौरा खास?
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ऐसे समय में भारत आने वाले हैं, जब भारत एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक पूरा कर रहा है. इस साल क्षेत्र के कई देशों के साथ भारत के राजनयिक संबंधों की स्थापना की खास वर्षगांठ भी है. जिनमें इंडोनेशिया के साथ 75वीं, फिलीपींस के साथ 75वीं, सिंगापुर के साथ 60वीं और ब्रुनेई के साथ 40वीं वर्षगांठ है. अपने तीसरे कार्यकाल के 10 दिनों में प्रधानमंत्री मोदी ने कई एशियाई देशों का दौरा किया है.
इंडोनेशिया और भारत के संबंध
इंडोनेशिया के साथ भारत के मजबूत आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक संबंध हैं. दरअसल, इंडोनेशिया और भारत समुद्री पड़ोसी हैं और दोनों देशों के बीच अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और आचे के बीच संपर्क बढ़ाने के बारे में चर्चा चल रही है, खास तौर पर समुद्री मार्गों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
Source link