देश- एकनाथ शिंदे को दोबारा मुख्यमंत्री क्यों बनना चाहिए? शिवसेना ने गिनाए 6 बड़े कारण- #NA
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एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं और अब मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है. राज्य की जनता ने महायुति को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए 240 सीटों पर चुना है. इससे महाराष्ट्र में महागठबंधन की सरकार आना तय है, लेकिन राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा? इसे लेकर सस्पेंस अभी थमा नहीं है. महायुति ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव जरूर लड़ा था, लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई डील नहीं हुई थी. अब महागठबंधन की जीत हुई है. तो क्या एकनाथ शिंदे फिर से मुख्यमंत्री बने रहेंगे या फिर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का प्रमोशन होगा?
टीवी9 मराठी की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना और एनसीपी में गुट के नेता भी तय हो गए हैं. एकनाथ शिंदे शिवसेना के ग्रुप लीडर हैं और अजित पवार एनसीपी के ग्रुप लीडर हैं, लेकिन बीजेपी अभी तक चुप बैठी है. इन सभी घटनाक्रमों के बीच अब शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री क्यों बनाना चाहिए इसे लेकर शिवसेना के कुछ सूत्रों ने कई ऐसे कारण गिनाए हैं. इसमें से 6 प्रमुख कारण सामने आए हैं.
शिवसेना के मुताबिक शिंदे को CM क्यों बनाया जाना चाहिए? ये हैं 6 बड़े कारण
1- ठाकरे गुट महायुति पर हमलावर हो सकता है: शिंदे गुट के सूत्रों का कहना है कि अगर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री नहीं बने तो ठाकरे गुट के पास देवेंद्र फडनवीस को निशाना बनाने का आसान मौका मिल जाएगा. ठाकरे गुट यह आरोप लगा सकता है कि बीजेपी और देवेंद्र फडणवीस ने सत्ता में आने के लिए शिवसेना के नाम और सिंबल का इस्तेमाल किया और सत्ता में आते ही शिंदे की शिवसेना को किनारे कर दिया. सूत्रों का कहना है कि शिंदे गुट को लगता है कि ठाकरे गुट और महाविकास अघाड़ी महागठबंधन के हर फैसले का विरोध करेंगे और महाराष्ट्र में बीजेपी के खिलाफ टकराव पैदा करने की कोशिश करेंगे.
2- मराठी अस्मिता को मिलेगा मजबूती: एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर महायुति मराठी अस्मिता के मुद्दे को मजबूत कर सकती है. सूत्रों का दावा है कि यह कदम मराठी अस्मिता का सम्मान करने के लिए बीजेपी की उदारता और प्रतिबद्धता को दिखाएगा. इसका सीधा असर विरोधियों पर पड़ेगा.
3- सुशासन की छवि मजबूत होगी: एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं के कारण भी महायुति को राज्य में बहुमत मिला है. इसलिए शिंदे के मुख्यमंत्री बने रहने से महागठबंधन में सुशासन की छवि मजबूत होगी और योजनाओं का प्रभाव और प्रभावी होगा.
4-जातिवादियों को नहीं मिलेगा मौका: एकनाथ शिंदे मराठा समुदाय से हैं. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ते हुए वे मराठा समुदाय का विश्वास जीतने में सफल रहे. अगर कोई मराठा नेता मुख्यमंत्री रहेगा तो जातिवादियों को कोई मौका नहीं मिलेगा. क्योंकि शिंदे ने ओबीसा समुदाय को ओबीसी का आरक्षण न देकर मराठा समुदाय को आरक्षण देने का वादा किया है.
5- निकाय चुनाव में मजबूत रहेगी पकड़: आगामी समय में राज्य में स्थानीय संस्थाओं के चुनाव होंगे. इसके बाद अगले दो-तीन साल में पूरे प्रदेश में स्थानीय निकायों के चुनाव होंगे. सरकार के चेहरे में बदलाव से एक बार फिर पिछले नेतृत्व से तुलना की जाएगी. यदि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे तो वह क्षेत्र पर पकड़ मजबूत रहेगी. ऐसे में स्थानीय निकाय चुनाव में महायुति को फायदा होगा.
6- एकनाथ शिंदे ने सभी धर्मों के बीच सद्भाव बनाए रखा: चुनावी सर्वे से एक बात साफ है कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र का सबसे लोकप्रिय चेहरा बने हुए हैं. एकनाथ शिंदे ने सभी जातियों और धर्मों के नागरिकों के साथ सद्भाव बनाए रखा है. उन्होंने भी एकनाथ शिंदे का सम्मान किया. इसलिए गठबंधन का कार्यकाल अच्छा रहा और जनता ने फिर से ऐतिहासिक बहुमत के साथ महागठबंधन को चुना. एकनाथ शिंदे ने महायुति में तीनों घटक दलों को संभालकर अपने नेतृत्व कौशल का प्रदर्शन किया है.
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