देश – गुजरात: रिसर्च के लिए हड़प्पा साइट पर पहुंची IIT दिल्ली की स्टूडेंट… तभी ढह गई मिट्टी; दबकर मौत- #INA

लोथल की हड़प्पा साइट.

गुजरात के लोथल से एक दुखद खबर सामने आई है. यहां IIT दिल्ली से कुछ छात्र रिसर्च के लिए प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता स्थल पहुंचे. लेकिन शोध के दौरान अचानक से मिट्टी धंस गई. इस कारण रिसर्च की एक छात्रा की मौत हो गई. जबकि, तीन अन्य घायल हुए हैं. मृतका का नाम सुरभि वर्मा था, जो कि महज 23 साल की थी.

जिस जगह यह दर्दनाक हादसा हुआ, वह अहमदाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना बुधवार को सुबह 11 बजे के आसपास हुई. चार शोधकर्ताओं की संयुक्त टीम पैलियोक्लाइमेटोलॉजी का अध्ययन करने के लिए यहां पहुंची थी.

अग्निशमन अधिकारी के मुताबिक- शोधकर्ताओं ने जेसीबी से पंद्रह फीट खोदाई की. वे यहां मृदा परीक्षण के लिए आये थे. गड्ढा खोदने के बाद सैंपल के लिए वे अंदर गए. यहां तीन फीट तक पानी पाया जाता है, जिससे मिट्टी नरम हो जाती है. इसलिए मिटटी ऊपर गिर गई और वे मिट्टी के नीचे दब गए.

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ऐसे हुआ हादसा

अहमदाबाद (ग्रामीण) के एसपी ने बताया- चार शोधकर्ताओं की टीम, जिनमें से दो आईआईटी दिल्ली के और दो आईआईटी गांधीनगर के थे, अध्ययन के लिए मिट्टी के नमूने एकत्र करने के लिए लोथल में हड़प्पा घाटी सभ्यता स्थल पर पुरातात्विक अवशेषों के पास गए थे. चारों वहां खोदे गए 10 फुट गहरे गड्ढे में थे, तभी इसका एक हिस्सा ढह गया और वे मिट्टी के ढेर के नीचे दब गए.

उन्होंने बताया कि आईआईटी दिल्ली की एक शोधकर्ता की मौके पर ही मौत हो गई, जिसकी पहचान सुरभि वर्मा के रूप में हुई है. तीन अन्य लोगों को बचा लिया गया और अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हालत स्थिर है.

पुलिस को पहुंचने में लगे 15 मिनट

एसपी ने बताया- पुलिस को घटना स्थल पर पहुंचने में 15 मिनट लग गए क्योंकि यह जगह थाने से काफी दूर थी. उन्होंने कहा कि हम आईआईटी दिल्ली की प्रोफेसर यामा दीक्षित को बचाने में कामयाब रहे, लेकिन उनकी हालत नाजुक थी. उन्हें पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया और बाद में गांधीनगर के अपोलो अस्पताल में शिफ्ट किया गया, क्योंकि उन्हें सांस लेने में समस्या थी.

यामा दीक्षित आईआईटी दिल्ली में सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक साइंसेज (सीएएस) में सहायक प्रोफेसर हैं और सुरभि वर्मा उनके निर्देशन में शोध कर रही थीं. टीम के अन्य दो सदस्य एसोसिएट प्रोफेसर वीएन प्रभाकर और सीनियर रिसर्च फेलो शिखा राय हैं, दोनों आईआईटी गांधीनगर के पुरातत्व विज्ञान केंद्र से हैं.

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