देश- ‘नई संसद वक्फ की जमीन पर बनी है,’ बदरुद्दीन का बयान गैर जिम्मेदाराना; JK वक्फ बोर्ड के सदस्य सोहेल कासमी- #NA

वक्फ संशोधन विधेयक.

वक्फ वोर्ड संशोधन बिल पर जेपीसी की ओर से एक तरफ बैठक का दौर चालू है. वहीं, दूसरी ओर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने नए संसद भवन को लेकर बड़ा दावा किया. उनका कहना है कि नया संसद भवन वक्फ की जमीन पर बना है. बदरुद्दीन अजमल के इस बयान पर जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड के सदस्य सोहेल कासमी ने गुरुवार को प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अजमल का यह व्यक्तिगत बयान है.

जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड के मेंबर सोहेल कासमी ने कहा कि, ‘वक्फ की प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड को संभालने का फ़रज़ है. मैं देख रहा हूं कि न सिर्फ जम्मू कश्मीर बल्कि देशभर में वक्फ ही वक्फ की प्रॉपर्टीज को इधर-उधर कर रहा है.’ कासमी ने कहा कि हिंदुस्तान में जितने भी वक्फ बोर्ड है वो किसी ना किसी सरकार के नीचे काम कर रहे हैं. वक्फ बोर्ड अकाउंटेबल होने चाहिए. वहीं, बदरुद्दीन अजमल ने आरोप लगाया था कि सरकार वक्फ बोर्ड की जमीन हड़पना चाहती है.

अजमल का यह गैर जिम्मेदाराना बयान- सोहेल कासमी

असम के धुबरी से पूर्व सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने मंगलवार को यह बयान दिया था. इस दौरान उन्होंने दावा किया था कि नई संसद भवन वक्फ की जमीन पर बना है. अजमल का आरोप है कि सरकार वक्फ की जमीन को फाइव स्टार होटल में तब्दील करने के लिए अंबानी और अडानी को दे रही है. वहीं, उनका कहना है कि अगर वक्फ बोर्ड में संशोधन हुआ तो ये जिला कलेक्टर के अधीन हो जाएगा और अधिकारी पक्षपात करेंगे.

उन्होंने वक्फ संशोधन बिल का विरोध किया और कहा कि इसके लिए उनका लड़ाई जारी रहेगा. वहीं, इसपर जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड के सदस्य सोहेल कासमी ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद बदरुद्दीन अजमल का यह टिप्पणी एक गैर जिम्मेदाराना बयान है. सोहेल कासमी ने कहा कि वक्फ की प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड को संभालने का फरज है लेकिन वह खुद ही इस प्रॉपर्टीज को इधर-उधर कर रहा है.

‘वक्फ बोर्ड अकाउंटेबल होने चाहिए’

जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड के सदस्य सोहेल कासमी ने कहा कि हिंदुस्तान में जितने भी वक्फ बोर्ड है वो किसी ना किसी सरकार के नीचे काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि वक्फ बोर्ड अकाउंटेबल होने चाहिए और अगर कोई भी जमीन किसी भी चीज के लिए इस्तेमाल हो रही है, वह एक MOU के तहत हो रही होगी और उसका फायदा सरकार को ही होता है. कासमी ने बदरुद्दीन अजमल के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए व्यक्तिगत करार दिया है.

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