देश- बस मार्शलों के मुद्दे पर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पकड़े बीजेपी नेता के पैर, केजरीवाल ने कही बड़ी बात- #NA
दिल्ली में नेता विपक्ष का पैर पकड़े हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज
दिल्ली में डीटीसी बस मार्शलों की नियुक्ति का विवाद अब सियासी रूप ले चुका है. आतिशी सरकार हर हाल में बस मार्शलों की नियुक्ति की मांग पर अड़ी है. शनिवार को यह मुद्दा उस समय तूल पकड़ लिया जब बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता मुख्यमंत्री आतिशी से मिलने के लिए उनके आवास पहुंच गए. आवास पर मौजूद आम आदमी पार्टी नेताओं और मंत्रियों ने विजेंद्र गुप्ता से उपराज्यपाल के पास चलने के लिए कहा. दूसरी ओर बस मार्शलों की नियुक्ति का अनुरोध करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज विजेंद्र गुप्ता के पैरों पर लेट गए.
बस मार्शलों की नियुक्ति को लेकर मंत्री सौरभ भारद्वाज का नेता विपक्ष के पैरों पर गिरने की तस्वीर सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है. इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता एलजी हाउस भी पहुंचे हुए थे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई. वहां मौजूद पुलिस ने लोगों को तितर-बितर कर दिया.
AAP का दावा- बस मार्शलों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं
आम आदमी पार्टी कहना है कि बस मर्शलों को नौकरी पर से हटाए जाने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. वो परिवार का खर्चा भी नहीं चला पर रहे हैं. ऐसे में उपराज्यपाल को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी बस मार्शलों की नियुक्ति को मंजूरी देनी चाहिए.
अब पूरे मामले पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी भी सामने आई. पूर्व सीएम ने कहा कि मुझे गर्व है कि अपने मंत्रियों पर जो लोगों के काम करवाने के लिए किसी के पैरों में भी लेट जाते हैं. मेरी उपराज्यपाल साहब और बीजेपी वालों से विनती है कि इस मुद्दे पर राजनीति न करें और तुरंत बस मार्शलों को नौकरी पर रखा जाए.
बीजेपी नेता की गाड़ी में बैठीं सीएम आतिशी
मामला यही ठंडा ही नहीं हुआ, जैसे ही सीएम आवास से नेता विपक्ष अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ें उनसे पहले मुख्यमंत्री आतिशी उनकी गाड़ी में सवार हो गईं. मुख्यमंत्री नेता विपक्ष की गाड़ी में ही बैठकर उपराज्यपाल के दफ्तर पहुंचीं हुई थीं. हालांकि, नेताओं की उपराज्यपाल से मुलाकात नहीं हुई.
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बस मार्शल की बहाली के मुद्दे पर बीजेपी विधायक उपराज्यपाल के यहां जाने से बच रहे थे. इसलिए आप सरकार के मंत्री और विधायक उनके पैरों पर लेट गए. काफी संघर्ष के बाद बीजेपी विधायकों को एलजी दफ्तर ले जा सके.
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