देश- बाबा सिद्दीकी की हत्या सरकार की नाकामी…ओवैसी ने कहा विधानसभा चुनाव में जनता सिखाएगी सबक- #NA

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी

मुंबई में बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सरेआम हुई इस हत्या से हर कोई सक्ते में है, वहीं अब इस मामले को लेकर सियासत भी गरमा गई है. तमाम विपक्षी दल महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार पर निशाना साध रही है. इसी कड़ी में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार को घेरा है और इस हत्याकांड को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि सरकार अपने ही गुट के लोगों को नहीं बचा पा रही है, ऐसे में ये सरासर सरकार की नकामी है. उन्होंने सवाल किया कि धमकी मिलने के बाद भी उनको सुरक्षा मुहैया क्यों नहीं कराई गई. मुंबई की पुलिस कमजोर हो गई है. ओवैसी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि सरकार सही आरोपियों तक पहुंच पाएगी. इसके आगे AIMIM चीफ ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता असुरक्षित महसूस कर रही है, और सरकार अपनी चमड़ी बचाने के लिए काम कर रही है. आगामी विधानसभा चुनाव में इस सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ेगा, सूबे की जनता इन्हें सबक जरूर सिखाएगी.

विपक्ष ने निशाने पर राज्य सरकार

वहीं शिवसेना नेता संजय निरूपम ने भी बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से बाबा सिद्दीकी जैसे नेता की हत्या सरेआम हो जाती है. इसके साथ ही एनसीपी शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने गृहमंत्री अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि अमित शाह खुद कहते है लोकल लेवल के कार्यकर्ताओं को तोड़ो और खरीदो. राज्य सरकार का ध्यान सिर्फ नेताओं को तोड़ने पर है राज्य की कानून व्यवस्था पर उनका कोई ध्यान नहीं है.

ये भी पढ़ें

‘सत्ता पक्ष के लोग ही सुरक्षित नहीं’

इसके साथ ही कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने भी बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने साफ कहा कि प्रदेश में अगर सत्ता पक्ष के लोग ही सुरक्षित नहीं तो विपक्ष और आम लोगों का क्या होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. सांसद ने कहा कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देना चाहिए और अगर वो नहीं देते हैं तो मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार को उनसे इस्तीफा लेना चाहिए.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science