देश – महाराष्ट्र में 'मिशन 40' से गेम पलटने की तैयारी, कैसे हरियाणा की तरह होने लगी घेरेबंदी – #INA

महाराष्ट्र की एनडीए सरकार ने गुरुवार को दो बड़े फैसले लिए। एक तरफ उसने राज्य अनुसूचित जाति आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला कर लिया तो वहीं केंद्र सरकार से ओबीसी क्रीमी लेयर की लिमिट बढ़ाकर 15 लाख रुपये तक करने की सिफारिश की है। फिलहाल यह सीमा 8 लाख रुपये की ही है। वहीं एक फैसला केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने लिया है, जिसके तहत महाराष्ट्र की 19 ओबीसी जातियों और उपजातियों को केंद्र की पिछड़ा सूची में शामिल किया गया है। इन जातियों में गुर्जर, लोध, डांगरी, भोयर आदि शामिल हैं।

इन फैसलों से कितनी जातियों को किस तरह से फायदा होगा, यह अलग से अध्ययन का विषय हो सकता है। लेकिन अहम बात यह है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के इस फैसले से चुनावी समीकरण पलट सकते हैं। राज्य में अगले महीने ही इलेक्शन की तैयारी है और अगले सप्ताह कभी भी चुनाव का ऐलान हो सकता है। जानकारों का मानना है कि जिन 19 ओबीसी जातियों को केंद्रीय सूची में डाला गया है, उनकी संख्या लगभग 30 सीटों पर इतनी है कि वे चुनावी परिणाम बदल सकते हैं। इसी तरह लगभग एक दर्जन ऐसी सीटें हैं, जहां दलित समुदाय के लोगों की इतनी आबादी है कि वे चुनावी रुख बदल सकते हैं।

इन सारे समीकरणों को साधते हुए ‘मिशन 40’ का प्लान तैयार किया गया है। भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के गठबंधन को लगता है कि इन फैसलों से वह राज्य के समीकरणों को ही बदलने में सफल हो पाएंगे। इन फैसलों की एक बड़ी वजह राज्य में बीते कई सालों से चल रहा मराठा आंदोलन है। मनोज जारांगे पाटिल के नेतृत्व में कई बार मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन हो चुका है और एक बार फिर से चर्चा तेज है। माना जाता है कि राज्य में मराठाओं की आबादी लगभग 30 फीसदी है। यदि उनका बड़ा हिस्सा सरकार से नाराज होगा तो नुकसान होना तय है।

क्या अब महाराष्ट्र में भी होगा हरियाणा की तरह मराठा और गैर-मराठा

ऐसी स्थिति को भांपते हुए पहले ही भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार वाली एनसीपी अलर्ट हैं। तीनों दल मराठा आंदोलन की काट के लिए ओबीसी, एससी वर्ग को साधना चाहते हैं। इसके अलावा टिकट बंटवारे में मराओं को भी उनकी बहुलता वाले क्षेत्रों में प्राथमिकता देकर गुस्से को कम करने की कोशिश होगी। यह रणनीति एक तरह से हरियाणा जैसी ही है। वहां भी भाजपा ने जाटों के बीच गुस्से की काट के लिए अन्य ओबीसी जातियों जैसे गुर्जर, कश्यप, सैनी, कुम्हार, सुनार जैसी तमाम जातियों को साधने की कोशिश की थी।

#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
डिस्क्लेमरः यह लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ आई एन ए टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम की ही होगी.

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News