देश- सरहद, साजिश और सेंध… देश के कई राज्यों में मुसीबत बन रहे बांग्लादेशी घुसपैठिए, इन इलाकों की बदल दी डेमोग्राफी- #NA

देश के कई राज्यों के लिए मुसीबत बने बांग्लादेशी घुसपैठिए.

झारखंड, असम, पश्चिमी बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यो में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या मुसीबत बन चुकी है. झारखंड में होने वाले साल 2024 के विधानसभा चुनाव में भी बांग्लादेशी घुसपैठिए बड़ा मुद्दा बने हुए हैं. जांच में सामने आया है कि झारखंड, असम और बंगाल में बांग्लादेशियों की बढ़ती जनसंख्या ने तीनों राज्यों के कई इलाकों की डेमोग्राफी ही बदल कर रख दी है.

यही वजह है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी भी देश में अवैध रूप से बस रहे बांग्लादेशियों पर लगाम लगाने के लिए एक्शन मोड में आ चुकी है. ईडी ने झारखंड और बंगाल में 17 ठिकानों पर रेड की. इस दौरान ईडी ने दो बंगलादेशी नागरिक रोनी मोंडल और समीर चौधरी के अलावा पिंटू हलदार और पिंकी बसु को गिरफ्तार किया है. ये चारों आरोपी बांग्लादेशी नागरिकों को झारखंड और बंगाल में घुसपैठ करवाकर अवैध तरीके से बसाने में जुटे हुए थे.

भारत की नागरिकता दिलवाने का रैकेट

आरोप है कि ये बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत की नागरिकता दिलवाने का रैकेट चला रहे थे. पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा जून 2024 में फॉरेन और पासपोर्ट एक्ट में दर्ज एफआईआर को आधार बनाकर केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था. आरोप था कि मनीषा रॉय और झूमा नाम की 2 महिलाओं ने निपाह अख्तर नाम की बंगलादेशी लड़की को जंगल के रास्ते भारत में घुसपैठ करवाई है.

इसके बाद पता चला कि झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत देश के कई राज्यों में ऐसे कई गिरोह काम कर रहे हैं जो भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर घुसपैठ के धंधे में शामिल हैं. ईडी ने रेड कर पकड़े गए इन चारों आरोपियों के कब्जे से फर्जी आधार कार्ड, पासपोर्ट, प्रिंटिंग मशीन, अवैध हथियार, कारतूस, कैश और ज्वेलरी बरामद की है.

पश्चिम बंगाल में कैसे घुसपैठ करते हैं बांग्लादेशी?

पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश बॉर्डर 2272 किलोमीटर तक फैला है. यहां हुगली नदी के अलावा जंगल के रास्ते भी बांग्लादेश से घुसपैठ होती है. घुसपैठ के सबसे ज्यादा मामले 24-परगना और मुर्शिदाबाद से सामने आ रहे हैं. बांग्लादेशी मालदा में पोरस बॉर्डर का फायदा उठाते हैं. पगला घाट, कालियाचक घुसपैठ का बड़ा रूट है. बॉर्डर पर फर्जी दस्तावेजों के जरिये घुसपैठ करवाने वाले गैंग भी एक्टिव हैं.

पश्चिम बंगाल में घुसपैठ के बाद बांग्लादेशियों का असली ठिकाना झारखंड का संथाल परगना है. संथाल परगना में यही बंगलादेशी घुसपैठियों ने 6 इलाकों की डेमोग्राफी की बदलकर रख दी है. जहां पहले आदिवासी जनसंख्या सबसे ज्यादा थी, अब उसमें कमी दर्ज हुई है.

पैसों का लालच देकर शादी और साजिश

झारखंड में कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जहां इन बांग्लादेशियों ने आदिवासी महिलाओं को बहला-फुसलाकर या फिर उन्हें पैसों का लालच देकर उनसे शादी की. इससे इलाकों की डेमोग्राफी बदल दी. यही वजह है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में इन बांग्लादेशी घुसपैठियो का मुद्दा गरमा गया है.

ठीक इसी तरह नॉर्थ ईस्ट भारत में असम, त्रिपुरा और मेघालय में पहाड़ी इलाको में सटे बांग्लादेशी बॉर्डर पर मौजूद घने जंगल भी घुसपैठ का जरिया बन चुके हैं. साथ ही, बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट होते ही वहां मौजूद आतंकी संगठन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के इशारे पर बड़ी स्ट्राइक को अंजाम देने की फिराक में लगे हैं. हाल ही में मिले खुफिया इनपुट के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए भी हरकत में आई है.

आतंकी संगठन अलकायदा के साथ मिलकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे संदिग्धों के खिलाफ एनआईए ने बड़ी कार्रवाई की है. जम्मू कश्मीर, कर्नाटक , वेस्ट बंगाल, बिहार, त्रिपुरा और असम सहित 9 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन चलाया. अलकायदा को संदिग्ध बांग्लादेशी फंडिंग कर रहे हैं. सर्च ऑपरेशन के दौरान एनआईए ने बैंक ट्रांजेक्शन से जुड़े दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद की हैं.

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