देश- हरियाणा में ऑर्ब्जवर बनकर जा रहे अमित शाह और मोहन यादव, क्या राव इंद्रजीत और विज को सेट करना है वजह?- #NA

गृह मंत्री अमित शाह, मोहन यादव, नायब सिंह सैनी, अनिल विज

हरियाणा की चुनावी जंग जीतने के बाद बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने में जुट गई है. मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत से लेकर पूर्व दिग्गज नेता अनिल विज तक जाहिर कर चुके हैं तो सीएम नायब सिंह सैनी ने शीर्ष नेतृत्व पर फैसला डाल रखा है. बीजेपी के विधायक दल का नेता चुनने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को हरियाणा का पर्यवेक्षक बनाया गया है. ऐसा दूसरी बार है जब अमित शाह किसी राज्य में पर्यवेक्षक के तौर जाएंगे. ऐसे में यह बात साफ है कि हरियाणा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और अब देखना है कि कैसे सियासी बैलेंस बनाते हैं?

दिल्ली से सटे हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है. बीजेपी विधायक दल की बैठक 16 अक्टूबर को होनी है, जिसमें नेता चुनने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री अमित शाह और मोहन यादव को सौंपी गई है. हरियाणा में सीएम पद के लिए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत से लेकर अनिल विज और नायब सिंह प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं. बीजेपी हाईकमान ने अपने नेताओं के सियासी तेवरों को देखते ही अमित शाह को सीएम चुनने का टास्क सौंपा है ताकि विधायक दल का नेता चुनने के दौरान कोई विवाद न हो और बिना गुटबाजी दिखे सारी प्रक्रिया पूरी हो सके.

हाईकमान ने पहले की मजबूत तैयारी

हरियाणा में इस साल मनोहर लाल खट्टर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद 12 मार्च को विधायक दल की बैठक हुई थी. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और तरुण चुघ को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया था. विधायक दल की बैठक में नायब सिंह सैनी को चुना गया तो अनिल विज नाराज होकर बैठक से बाहर निकल गए थे. नायब सिंह सैनी की कैबिनेट का हिस्सा भी विज नहीं बने थे. इस बार उसी तरह की स्थिति न बने, इसलिए हाईकमान ने पहले ही मजबूत तैयारी की है.

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अमित शाह को पर्यवेक्षक बनाया गया

बीजेपी हरियाणा की चुनावी जंग जीतकर तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. सियासी माहौल बना है. बीजेपी अपने नेताओं की नाराजगी से उसे बिगाड़ना नहीं चाहती है. बीजेपी विधायक दल की बैठक में अनिल विज और इंद्रजीत के समर्थक विधायक कोई खेला न कर सकें. इसके लिए ही अमित शाह को पर्यवेक्षक बनाया गया है. शाह की मौजूदगी में कोई विवाद पैदा न हो और आसानी से विधायक दल का नेता चुन लिया जाए.

नायब सिंह सैनी पर लगेगी मुहर?

नायब सिंह सैनी के नाम पर आसानी से विधायक दल की बैठक में मुहर लगवाने की रणनीति मानी जा रही, क्योंकि खुद अमित शाह ने पंचकूला में सैनी को अगला सीएम बनाने का एलान किया था. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को सीएम का चेहरा घोषित किया था और उनके चेहरे पर चुनाव लड़ा है. ऐसे में उनके नाम को लेकर पार्टी में किसी तरह का विवाद अथवा संशय न हो, इसके लिए ही बीजेपी ने अपने अहम नेता को जिम्मा सौंपा है.

सीएम पद को लेकर अड़े अनिल विज

बीजेपी के दिग्गज नेता और अंबाला छावनी के सातवीं बार विधायक बने पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने सीएम पद पर दावेदारी जताकर पहले ही चिंता बढ़ा रखी है. हालांकि, पहले विज की दावेदारी को चुनाव जीतने की स्ट्रेटेजी से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन चुनाव जीत के बाद भी सीएम पद को लेकर अड़े हुए हैं. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की निगाहें सीएम कुर्सी पर हैं. मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश वो चुनाव के दौरान कई बार जता चुके हैं. यही नहीं चुनाव के बाद वो जिस तरह उन्होंने बीजेपी के 9 विधायकों के साथ अपनी तस्वीर शेयर की, उससे भी सीएम पद से जोड़कर देख रहा है.

राव इंद्रजीत की पुरानी ख्वाहिश

राव इंद्रजीत ने मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश लंबे समय से पाल रखी है. कांग्रेस में जब रहे, वो सीएम की कुर्सी पर दावेदारी करते रहे. इसके बाद बीजेपी में आने के बाद से भी कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं. दक्षिण हरियाणा की सियासत में राव इंद्रजीत को बीजेपी का बड़ा नाम माना जाता है. पार्टी के ओबीसी चेहरा हैं और छह बार के सांसद हैं. इस बार अटेली सीट से राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव विधायक चुनी गई हैं. इतना ही नहीं राव इंद्रजीत के कोटे के सभी विधायक जीतकर आए हैं.

अहीरवार बेल्ट का अहम रोल रहा

अहीरवार बेल्ट और दक्षिण हरियाणा के सहारे राव इंद्रजीत मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. बीजेपी को तीसरी बार हरियाणा की सत्ता तक पहुंचाने में अहीरवार बेल्ट का अहम रोल रहा है. इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव में दक्षिण हरियाणा की सभी तीनों सीटें बीजेपी जीती थी और अब विधायक चुनाव में नूंह जिला छोड़कर क्लीन स्वीप किया है. रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम जिलों में पार्टी ने उम्मीद से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है. राव इंद्रजीत को नौ विधायकों का समर्थन हासिल है. इसके अलावा यादव समुदाय ने भी बीजेपी को एकमुश्त वोट दिया है.

विधायक दल के नेता का चुनाव

राव इंद्रजीत की दावेदारी को देखते हुए बीजेपी ने अमित शाह के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को हरियाणा का पर्यवेक्षक बनाया है. मोहन यादव और राव इंद्रजीत दोनों ही यादव समुदाय से हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी ने मोहन यादव को रणनीति के तहत पर्यवेक्षक बनाकर भेजा जा है ताकि राव इंद्रजीत को साधा जा सके. शाह की मौजूदगी में ऐसे तो कई बात होगी नहीं, अगर कोई नेता अपनी दावेदारी पेश करते हैं तो उनके साथ बैलेंस बनाने की रणनीति होगी. सीएम पद को लेकर हरियाणा में किसी तरह का विवाद खड़ा होने से पहले ही उसको दबाने की रणनीति है, ताकि बिना किसी विरोध और संशय के विधायक दल के नेता का चुनाव हो सके.

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