नीतीश कुमार की यात्रा पर PK का तंज: “पैसे और जाति का खेल” और कुछ नही
बिहार विधानसभा चुनावों से पहले, प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आगामी यात्रा पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस यात्रा में दिखाई जाने वाली भीड़ पैसे और जाति के आधार पर जुटाई जाएगी, और इससे बिहार की समस्याओं का कोई समाधान नहीं होगा। PK ने पिछली सरकारों के कामकाज पर भी सवाल उठाए हैं।
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- प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की आगामी बिहार यात्रा को लेकर कटाक्ष किया है।
- उन्होंने दावा किया कि इस यात्रा में जुटाई जाने वाली भीड़ पैसे और जातिगत समीकरणों पर आधारित होगी।
- PK ने नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के 30 साल के शासनकाल में बिहार की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
- उन्होंने आरोप लगाया है कि इन 30 वर्षों में गरीबी, पलायन, शिक्षा और रोजगार के मोर्चे पर कोई ठोस सुधार नहीं हुआ है।
- जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर लगातार बिहार के गांवों में जनसंपर्क कर रहे हैं और लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
बेतिया ( संवाददाता-राजेन्द्र कुमार ) बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। इस बीच, जन सुराज पार्टी के नेता और जाने-माने रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आगामी बिहार यात्रा पर तीखा हमला बोला है। PK ने कहा है कि इस यात्रा में दिखाई जाने वाली भीड़ महज पैसे और जाति के आधार पर जुटाई जाएगी और इससे बिहार की जर्जर हालत में कोई सुधार नहीं आएगा।
अपने बयान में, प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की पिछली “समाधान यात्रा” का उल्लेख करते हुए कहा, “आप कोई भी यात्रा कर लीजिए, नीतीश कुमार ने समाधान यात्रा की थी, लेकिन उससे कितना बिहार की समस्याओं का समाधान हुआ?” उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने जनता का विश्वास तोड़ा है।
PK ने पिछले तीन दशकों के शासन पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा, “30 वर्षों से बिहार में लालू और नीतीश का ही शासन रहा है, लेकिन इन 30 वर्षों में न तो बिहार से गरीबी कम हुई, न पलायन रुका, न बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था सुधरी, और न ही रोजगार के अवसर मिले।” उन्होंने तीखे लहजे में सवाल किया, “आप किस समाधान या विश्वास की बात कर रहे हैं?”
प्रशांत किशोर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जनता अब इतनी भोली नहीं रही है। उन्होंने कहा, “यात्रा में भीड़ दिखेगी। लोग पैसे के बल पर और जाति के नाम पर इकट्ठा होंगे। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ाई जा सकती।”
यह बयान उस समय आया है जब प्रशांत किशोर खुद बिहार के विभिन्न गांवों में जन सुराज यात्रा पर हैं। वे आम लोगों से सीधा संवाद कर रहे हैं और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। उनके इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बिहार की जनता को पिछली सरकारों के कथित कुशासन और वादा खिलाफी के बारे में जागरूक करना है।
प्रशांत किशोर के इस तीखे हमले के बाद बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी इस आलोचना का जवाब कैसे देती है और आगामी चुनावों में इसका क्या असर पड़ता है। बिहार के लोग भी इस राजनीतिक घमासान को बड़ी ही गंभीरता से देख रहे हैं और यह देखना होगा कि आने वाले समय में क्या होता है। यह चुनाव बिहार के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इस पर सभी की नज़र टिकी हुई है।