यूपी- किसी ने खेत बेचकर MBBS किया, किसी की 2 महीने बाद थी शादी… कन्नौज हादसे में जान गंवाने वाले 3 डॉक्टरों की कहानी – INA

कन्नौज जिले में बुधवार तड़के हुए भीषण सड़क हादसे ने कन्नौज सहित पूरे यूपी को हिला कर रख दिया. हादसे में जहां पांच डॉक्टरों की मौके पर ही मौत हो गई तो वहीं एक अभी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है. इन पांच में से तीन ऐसे डॉक्टर थे, जिनके परिजनों के आंख के आंसू रुक नहीं रहे. किसी की 30 नवंबर को शादी की सालगिरह थी तो कोई बॉडी बिल्डिंग का शौक रखे हुए था. उसकी शादी जनवरी में थी. घर का बड़ा बेटा अपने नौ भाई-बहनों की पूरी जिम्मेदारी अकेले अपने कंधों पर संभाले हुए था. हादसे में इन तीनों की मौत ने सभी को झकझोर के रख दिया है.

बुधवार की सुबह डॉक्टर दोस्त के सगे भाई की शादी में इटावा सैफई मेडिकल कॉलेज के छह डॉक्टर लखनऊ में शादी समारोह में शिरकत करने गए थे. शादी से लौटते समय उनकी कर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर तलाग्राम थाना क्षेत्र में तड़के सुबह करीब तीन बजे अनियंत्रित होकर डिवाइडर तोड़ते हुए दूसरी तरफ चली गई. तभी दूसरी ओर से आ रहे ट्रक से उनकी कार की भिड़ंत हो गई. हादसा इतना भीषण था कि मौके पर ही पांच डॉक्टर ने दम तोड़ दिया, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया.

30 नवंबर को थी शादी की सालगिरह

पांच में से तीन ऐसे डॉक्टर थे, जिनकी कहानी सुनकर सभी की आंखें नम हो गईं. भदोही के रहने वाले संतोष मौर्य के दो बच्चे हैं. 7वीं क्लास में बेटी है और तीसरी क्लास में बेटा है. संतोष की आने वाले 30 नवंबर को शादी की सालगिरह थी. वह अपने एक सहपाठी के साथ सालगिरह सेलिब्रेशन की तैयारी कर रहे थे. वहीं एक डॉक्टर जिनका नाम डॉ नरदेव था, वह बॉडी बिल्डिंग का शौक रखते थे. कई बॉडी बिल्डिंग कंपटीशन में भी भाग ले चुके थे. नरदेव अपने शौक को सोशल मीडिया पर खूब वायरल करते थे.

एक डॉक्टर को था बॉडी बिल्डिंग का शौक

नरदेव इंस्टाग्राम पर बहुत एक्टिव रहते थे और अपनी बॉडी बिल्डिंग की एक से बढ़कर एक वीडियो पोस्ट करते थे. नरदेव की जनवरी में शादी होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही नरदेव एक भीषण हादसे में जान गंवा बैठे. वहीं कन्नौज के मोचिपुर अकिलपुर के रहने वाले अरुण कुमार के कुल नौ भाई-बहन हैं, जिसमें से 6 बहनें और 3 भाई हैं. अरुण के पिता किसानी करते हैं. परिवार के सभी बच्चे बड़े ही होनहार और मेहनती हैं.

MBBS करने के लिए अपना खेत तक बेंचा दिया

अरुण ने मेडिकल की पढ़ाई के लिए अपना खेत तक बेंचा था, जिसके बाद वह एमबीबीएस कर एमडी की तैयारी कर रहे थे. उन्होंने अभी तक शादी नहीं की थी. वह अपने पूरे परिवार को पहले अच्छे से सेट करना चाहते थे, लेकिन इस हादसे ने उनके पूरे परिवार के ऊपर दुखों का पहाड़ ला दिया. अरुण की छोटी बहनें और मां बदहवास होकर अरुण को देखते हुए बेसुध हो गईं. वहीं उनकी बुजुर्ग मां भी अपने जवान बेटे को इस तरह से स्ट्रेचर पर पड़ा देख बेहोश होकर गिर पड़ीं.


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