यूपी- जमानत मिली लेकिन जेल से बाहर आने में इरफान सोलंकी को लगेगा समय, उपचुनाव पर संकट नहीं – INA

कानपुर के सीसामऊ विधानसभा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के लिए गुरुवार का दिन थोड़ा खुशी थोड़ा गम वाला रहा. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इरफान सोलंकी को जमानत दे दी लेकिन सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. ऐसे में अब सीसामऊ चुनाव होने में कोई पेच नहीं है.

इरफान सोलंकी के ऊपर आगजनी का आरोप लगा था जिसके बाद कानपुर की एपी-एमएलए कोर्ट ने इरफान सोलंकी को 7 साल की सजा सुनाई थी. नियमों के अनुसार 2 साल से ज्यादा की सजा होने की वजह से इरफान सोलंकी की विधायकी चली गई थी. इसके बाद ही अन्य सीटों के साथ ही कानपुर की सीसामऊ सीट पर भी उपचुनाव हो रहा है. सपा की तरफ से इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी प्रत्याशी हैं.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे इरफान

7 साल की सजा के खिलाफ इरफान ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी. उसमें सजा पर रोक लगाने और जमानत देने की याचिका की गई थी. इस मामले में हाई कोर्ट में बार-बार सुनवाई टल रही थी जिसके खिलाफ इरफान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिन में सुनवाई पूरी करने का आदेश हाई कोर्ट को दिया था. इसके बाद से हाई कोर्ट लगातार प्रतिदिन सुनवाई कर रही थी.

जहां एक ओर इरफान सजा पर रोक लगाने की अपील कर रहे थे वहीं सरकार की तरफ से सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की गई थी. गुरुवार को हाई कोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए इरफान सोलंकी को जमानत देने का आदेश दिया. इरफान को जमानत से राहत तो मिल गई लेकिन सजा पर रोक लगाने से फिलहाल हाई कोर्ट ने इंकार कर दिया है.

उपचुनाव पर संकट नहीं

जमानत में राहत मिलने के बावजूद इरफान सोलंकी का अभी जेल से बाहर आना संभव नहीं है. आगजनी के अलावा इरफान को अभी गैंगस्टर और आधार कार्ड मामले में जमानत मिलनी बाकी है. इस फैसले के बाद कम से कम इस बात पर तो मुहर लग गई कि सीसामऊ के उपचुनाव पर अब कोई संकट नहीं है.

(रिपोर्ट: अनुराग अग्रवाल)


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