यूपी- बरसात बीते महीनों हुए… UP के इस गांव में अब भी नाव के सहारे है एक लाख लोगों की जिंदगी – INA

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में शारदा नदी के किनारे एक लाख से भी ज्यादा लोग रहे रहे हैं. यहां रहने वाले लोगों के लिए जिला मुख्यालय पहुंचना मुश्किल हो जाता है. क्योंकि गांव से जिला मुख्यालय जाने के लिए दो ऑप्शन हैं. एक शारदा नदी के ऊपर बने पुल से आना जाना या फिर दूसरा, खीरी जिले के पलिया कस्बे के रास्ते सड़क से आना जाना, लेकिन सड़क मार्ग काफी लंबा पड़ता है. वहीं पुल का रास्ता कम है. इसलिए लोग सड़क मार्ग की जगह पुल से जाना ज्यादा पसंद करते हैं.

ऐसे में शारदा नदी के ऊपर बना पैंटून पुल यहां की आबादी के लिए आने-जाने के लिहाज से बहुत जरूरी है, लेकिन हर साल बाढ़ के खतरे को देखते हुए. इस पुल को हटा दिया जाता है, जिससे शारदा नदी के किनारे पर रहने वाले लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो जाती है. क्योंकि उन्हें लंबा मार्ग तय करना पड़ता है या फिर नाव का सहारा लेना पड़ता है. हर साल इस पुल को 15 जून को हटा दिया जाता है और 15 अक्टूबर को खोला जाता है लेकिन इस बार अक्टूबर तो छोड़िए नवंबर भी बीतने वाला है लेकिन पुल को दोबारा से सुचारू नहीं किया गया है.

नाव से नदी पार करने को मजबूर

पैंटून पुल को दोबारा से शुरू न किए जाने की वजह से लोग नाव से नदी पार करने को मजबूर हैं. बरसात में बाढ़ के खतरे को देखते हुए बंद किया गया पुल सर्दी आने तक भी दोबारा शुरू नहीं किया गया है. हालांकि शारदा नदी के किनारे रहने वाली आबादी के लिए पैंटून पुल के बदले स्थाई पुल बनाने को भी मंजूरी मिल गई है लेकिन फिर भी इस इलाके के लोगों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है.

शारदा नदी का जलस्तर बन रहा बाधा

अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि ट्रांस शारदा इलाके के लोग कब तक शारदा नदी को पार करने के लिए नाव का सहारा लेते रहेंगे. हालांकि पुल का दोबारा शुरू करने की तय तारीख यानी 15 अक्टूबर से पैंटून पुल को वापस शुरू करने की तैयारियां की जा रही हैं. इसके लिए पैंटून बनाकर भी तैयार कर लिए हैं लेकिन शारदा नदी में बढ़ा जलस्तर इसमें दिक्कत बन रहा है, जिस वजह से इसे दोबारा शुरू करने में परेशानी हो रही है.


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