यूपी – बहराइच में एक और एनकाउंटर: UP में सात साल में हुईं 12 हजार मुठभेड़, पढ़ें क्या कहते हैं यूपी पुलिस के आंकड़ें – INA

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उत्तर प्रदेश के बहराइच हिंसा मामले में गुरुवार को यूपी पुलिस की दो आरोपियों से मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के बाद मुख्य आरोपी समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि गोली लगने से दो आरोपी घायल हो गए। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने कहा कि ये सभी हिंसा के आरोपी हैं और सभी आरोपी नेपाल भागने की कोशिश में थे। लेकिन पुलिस ने सभी को पकड़ लिया। 

यूपी डीजीपी बोले- दो आरोपियों ने भागने की कोशिश की

बहराइच हिंसा के पांच आरोपियों के मुठभेड़ में घायल होने पर यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि जब पुलिस भारत-नेपाल सीमा के पास हथियार बरामदगी के लिए पांचों गिरफ्तार आरोपियों को ले जा रही थी, तो दो आरोपियों ने भागने की कोशिश की। जैसे ही उन्होंने भागने की कोशिश की, गोलियां चलाई गईं। इस दौरान मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद तालिब घायल हो गए। अब्दुल हमीद, फहीम और अब्दुल अफजल को गिरफ्तार किया गया। कुल पांच आरोपी गिरफ्तार हैं।


नेपाल भागने की फिराक में थे आरोपी
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने कहा कि एनकाउंटर के बाद पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये सभी हिंसा के आरोपी थे। उन्होंने कहा कि आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे।

अखिलेश यादव बोले- नाकामी के कारण हो रही घटनाएं
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘लगातार इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं और ये घटनाएं सरकार की नाकामी के कारण हो रही हैं। सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए एनकाउंटर कर रही हैं। एनकाउंटर, हाफ एनकाउंटर, और भी कई परिभाषाएं हैं जो सरकार ने बनाई है। अगर एनकाउंटर से ही कानून-व्यवस्था बेहतर हो रही होती तो अभी उत्तर प्रदेश कई आंकड़ों में दूसरे प्रदेशों से अच्छा होता। यह प्रशासनिक विफलता थी कि जब वहां (बहराइच) कार्यक्रम पुलिस की जानकारी में था तो आखिरकार वे शांतिपूर्ण तरीके से कार्यक्रम संपन्न क्यों नहीं करवा पाए? एनकाउंटर करना और नफरत को बढ़ावा देना, यह इस सरकार के काम करने का नया तरीका है। यह कहां की न्याय व्यवस्था है’?

बीते सात साल में यूपी में हुईं मुठभेड़
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बीते महीने सितंबर में राज्य में हुई मुठभेड़ का आंकड़ा बताया था। यूपी में पिछले सात सालों में 12,964 पुलिस मुठभेड़ दर्ज की गईं। इनमें 207 अपराधियों को मारा गया। वहीं, 17 पुलिसकर्मियों की भी जान गई। 20 मार्च 2017 से पांच सितंबर 2024 के बीच मुठभेड़ों में औसतन हर 13वें दिन एक सूचीबद्ध अपराधी को मार गिराया गया। इनमें से अधिकांश अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए 75,000 रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का नकद इनाम रखा गया था।


मेरठ में सबसे ज्यादा मुठभेड़ हुईं
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया था कि यूपी पुलिस ने मुठभेड़ों में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन किया था। 2017 के बाद से पुलिस द्वारा की गई एक भी मुठभेड़ शीर्ष अदालत की जांच के दायरे में नहीं आई है। 2017 के बाद से यहां सबसे अधिक 3,723 मुठभेड़ों के साथ मेरठ जोन राज्य में शीर्ष पर है, जिसमें 66 अपराधी मारे गए और 7,017 अपराधी गिरफ्तार किए गए। राज्य भर में पुलिस ने 20 मार्च, 2017 और पांच सितंबर 2024 के बीच मुठभेड़ों के बाद 27,117 बदमाशों को गिरफ्तार किया। 


लाखों के इनामी अपराधी भी मार गिराए
इन मुठभेड़ों में 1,601 अपराधी घायल हो गए। कार्रवाई में 17 पुलिसकर्मी मारे गए, जबकि इसी अवधि के दौरान अन्य 1,601 पुलिसकर्मी गोलियों से घायल हुए। पिछले सात वर्षों में यूपी पुलिस ने पांच लाख रुपये के दो इनामी अपराधियों, 2.5 लाख रुपये के चार इनामी अपराधियों, दो लाख रुपये के दो इनामी अपराधियों, 1.5 लाख रुपये के छह इनामी अपराधियों और एक लाख रुपये के 27 इनामी अपराधियों को मार गिराया।


यूपी में जीरो टॉलरेंस नीति
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि अपराध और अपराधियों के व्यापक अभियानों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत, 2017 से यूपी पुलिस द्वारा गिरोह के सरगनाओं और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है। गैंगस्टरों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि अपराधियों के खिलाफ अभियान में खूंखार डकैत उदय भान यादव उर्फ गौरी यादव, जिसका आतंक का साम्राज्य पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश तक भी फैला हुआ था, वह चित्रकूट में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। उस पर यूपी पुलिस का पांच लाख रुपये का इनाम था और उसके खिलाफ लगभग 50 मामले दर्ज थे, जिनमें ज्यादातर डकैती, हत्या के प्रयास के थे।


Credit By Amar Ujala

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