यूपी – वाराणसी जुआ कांड: निलंबित इंस्पेक्टर और साथी से जुआ खेलने वालों के नाम जानेगी पुलिस, आरोपियों की तलाश शुरू – INA

वाराणसी जिले के पहड़िया स्थित रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट के फ्लैट से व्यापारियों के 41 लाख रुपये लूटने के मामले में निलंबित इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता और उसके दोस्त छीतमपुर निवासी धर्मेंद्र कुमार चौबे उर्फ पिंटू की सारनाथ थाने की पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, दोनों से अलग-अलग पूछताछ की जाएगी तो स्पष्ट होगा कि जुआ खेलने वाले लोग कौन थे और वहां से कितना पैसा उन्होंने समेटा था। फिलहाल, निलंबित इंस्पेक्टर और उसका दोस्त गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हैं।

यह है पूरा मामला

पहड़िया स्थित रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट में गत सात नवंबर की आधी रात बाद एक फ्लैट में तत्कालीन सारनाथ थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता अपने दोस्त धर्मेंद्र के साथ गया था। धर्मेंद्र ने खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताया था। दोनों ने फ्लैट में जुआ खेल रहे व्यापारियों को तगड़ी कानूनी कार्रवाई का भय दिखाया और मौके पर मिले 41 लाख रुपये दो बैग में समेट लिए। अपार्टमेंट के सीसी कैमरे में दोनों कैद हुए तो पुलिस आयुक्त ने इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता को निलंबित कर दिया। 

पुलिस के इंतजार करने के बाद भी कोई प्रार्थना पत्र देने नहीं आया तो बृहस्पतिवार की रात सारनाथ थानाध्यक्ष विवेक कुमार त्रिपाठी की तहरीर पर सारनाथ थाने में इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता, धर्मेंद्र, रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट के मालिक और अन्य अज्ञात के खिलाफ जुआ सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया। उधर, इस संबंध में डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीना ने कहा कि मुकदमे के विवेचक की जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उन्हीं के आधार पर मामले में . की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी।

पुलिस की कार्यशैली पर भी हैं कई सवाल


पुलिस अपने मुखबिर तंत्र, सर्विलांस, सीसी कैमरों की फुटेज और सूझ-बूझ के दम पर बड़ी से बड़ी आपराधिक घटनाओं की गुत्थी सुलझाने का दावा करती रहती है। मगर, 41 लाख रुपये के प्रकरण में पुलिस की कार्यशैली पर ही कई सवाल हैं और उनका जवाब कमिश्नरेट के अफसरों के पास भी नहीं है। आखिरकार, अपार्टमेंट में लगे सीसी कैमरों की फुटेज की मदद से पुलिस यह क्यों पता नहीं लगा पाई कि किसके फ्लैट में जुआ खेला जा रहा था? फ्लैट मालिक को चिह्नित कर उसकी मदद से पुलिस यह क्यों पता नहीं लगा पाई कि जुआ कौन-कौन खेल रहा था? घटना संज्ञान में आते ही इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता से पूछताछ कर उसकी तह तक जाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया? फ्लैट मालिक की जगह अपार्टमेंट बनवाने वाले पर ही मुकदमा किस जल्दबाजी में दर्ज किया गया?


Credit By Amar Ujala

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