यूपी- वृंदावन: चरणामृत समझकर एसी का डिस्चार्ज वाटर पी रहे है भक्त, वायरल हुआ बांके बिहारी मंदिर का वीडियो – INA

उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन से एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में कुछ लोग मंदिर के पीछे वाले हिस्से में टपक रहे पानी को चरणामृत समझ कर पीते नजर आ रहे हैं. उन्हें कुछ लोग बता भी रहे हैं कि यह चरणामृत नहीं, बल्कि एसी का डिस्चार्ज वाटर है. बावजूद इसके भीड़ सुनने को तैयार नहीं. यहां तक कि लोग यह पानी कप एवं अन्य बर्तनों में एकत्र कर उसे घर भी ले जा रहे हैं. यह वीडियो एक यूट्यूबर-ब्लागर ने बनाया है. इस वीडियो पर मंदिर के गोस्वामी ने भी बयान दिया है.

बता दें कि वृंदावन में विराजमान ठाकुर बांके बिहारी का मंदिर काफी पुराना है. मंदिर की पहली मंजिल पर बारिश के पानी की निकासी के लिए नालियां बनी हुई है. इन नालियों का मुख हाथी के मुख जैसा है. चूंकि मंदिर में एसी भी लगे हैं. इसलिए एसी से डिस्चार्ज होने वाले पानी को इन्हीं नालियों के जरिए बाहर निकाल दिया जाता है. कुछ समय पहले मंदिर की परिक्रमा लगाते समय किसी श्रद्धालु ने अनजाने में इस पानी को ठाकुर बांके बिहारी का चरणामृत समझ लिया और आचमन करने लगा. उसे देखकर दूसरे श्रद्धालु भी आचमन करने लगे. तब से यह परंपरा बन गई.

वीडियो में दिख रही श्रद्धालुओं की लंबी कतार

अब जो भी श्रद्धालु बिहारी जी के दर्शन के बाद परिक्रमा लगाते हैं, वह इस पानी का चरणामृत समझ कर पी लेते हैं. कई बार तो लोग इस पानी को कप, गिलास या अन्य बर्तन में इकट्ठा कर अपने घर भी ले जाते हैं. हालांकि कई बार स्थानीय लोगों ने श्रद्धालुओं को समझाने की भी कोशिश की, बावजूद इसके भक्त मानने को तैयार नहीं है. वायरल वीडियो में भी साफ नजर आ रहा है कि इस पानी को लेने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी है. कई लोग इस पानी से आचमन करते हुए बांकी बिहार के जयकारे भी लगा रहे हैं.

10 से 15 हजार श्रद्धालु रोज आते हैं मंदिर

वीडियो वायरल होने के बाद मंदिर के पुजारियों ने लोगों से अपील की है. गोस्वामियों ने भक्तों के सामने इस पानी की वास्तविक स्थिति स्पष्ट करते हुए इसे नहीं पीने की अपील की है. बता दें कि वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर देश का काफी लोकप्रिय मंदिर है. एक अनुमान के मुताबिक इस मंदिर में प्रतिदिन दस से 15 हजार तक श्रद्धालु ठाकुर जी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. वहीं त्योहारों में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ कर 20 से 25 हजार तक भी हो जाती है.


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