यूपी – Diwali: आतिशबाजी से बढ़ा प्रदूषण, खतरनाक स्तर पर पहुंची हवा, यहां दिखा सबसे अधिक असर – INA

दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट के पटाखों पर प्रतिबंध 31 अक्तूबर व 1 नवंबर को शहर में बेअसर दिखे। इस दौरान करीब 150 करोड़ रुपये के पटाखे जिले में छोड़े गए। इससे शहर में वायु और ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। डेजी एनवायरमेंटल टेस्टिंग लैब (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड की गुणवत्ता प्रबंधक डॉ. शकुन सिंह ने बताया कि दिवाली पर हुई आतिशबाजी के चलते पीएम -10 ( पार्टीकुलेट मैटर ) आसमान में बेहद घातक स्तर पर पहुंच गया है।

रामघाट रोड पर सर्वाधिक रहा और यहां इसका स्तर 319.66 माइक्रो ग्राम प्रतिमीटर क्यू मापा गया है। शहर में यह 320.6 रहा है। आवासीय क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण 70 से 90 डेसीबल तक मापा गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स व पीएम -10 (पार्टिकुलेट मेटर ) बेहद घातक स्थिति में जा पहुंचा है। इसमें नाइट्रोजन डाईऑक्साइड एवं सल्फर डाई ऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड उत्सर्जन कई गुना तक बढ़ गया है। शुक्रवार सुबह भी आसमान में धुंध छाई रही। इससे सांस रोगियों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा। मलखान सिंह जिला अस्पताल और दीन दयाल संयुक्त चिकित्सालय में ही करीब 200 मरीज सांस संबंधित रोगों के पहुंचे हैं।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषण अगले दो-तीन दिन तक वातावरण को प्रभावित करेगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से वायु एवं ध्वनि प्रदूषण की निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि एयर क्वालिटी इंडेक्स का सामान्य मापक 100 माइक्रो ग्राम प्रति क्यू है। उन्होंने बताया कि शहर के आवासीय क्षेत्र ज्ञान सरोवर, एएमयू समेत कई स्थानों पर पीएम -10 को मापने के लिए मैन्युअल सैंपलर मशीन से सैंपल कराया जा रहा है। इसकी 02 नवंबर तक मॉनीटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि आतिशबाजी के धुएं के साथ हवा में पटाखों का बारूद घुलने से लोगों को सांस तक लेने में दिक्कत हुई। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े दिवाली की रात में रिकार्ड किए गए हैं। हालांकि पिछले साल की दिवाली इस बार प्रदूषण का स्तर कुछ कम रहा है।

क्षेत्र , वायु प्रदूषण


  • इंडस्ट्रीयल एरिया, 190
  • रामघाट रोड पीएसी, 319
  • क्वार्सी चाैराहा, 260
  • ज्ञान सरोवर, 180
  • एएमयू शांत क्षेत्र, 160
  • सेंटर प्वाइंट व्यावसायिक क्षेत्र, 210
(पीएम-10 माइक्रो ग्राम पर मीटर क्यू )
आतिशबाजी
ये है वायु प्रदूषण सूचकांक
  • 0-50 एक्यूआई – अच्छा ( कोई प्रभाव नहीं )
  • 51-100 एक्यूआई – संतोषजनक ( संवेदनशील लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है )
  • 101-200 एक्यूआई – थोड़ा प्रदूषित (अस्थमा और हृदय रोग पीड़ित बच्चों और बड़े बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है )
  • 201-300 एक्यूआई – खराब ( लंबे समय तक ऐसा रहने पर लोगों को सांस लेने में तकलीफ और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को बहुत असुविधा हो सकती है )
  • 301-400 एक्यूआई – बहुत खराब ( लंबे समय तक ऐसा रहने पर लोगों को सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े व दिल की बीमारियों वाले लोगों पर प्रभाव अधिक खतरनाक हो सकता है )
  • 401-500 एक्यूआई – गंभीर ( इसे आपातकाल कहा जाता है। स्वस्थ लोगों का श्वसन तंत्र खराब हो सकता है। फेफड़े / हृदय रोग वाले लोग गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे लोग घर के अंदर रहें )

वर्ष 2022 एयर क्वालिटी इंडेक्स ( एक्यूआई )


  • 23 अक्तूबर 2022 दीपावली से पहले = 190
  • 24 अक्तूबर 2022, दीपावली के दिन = 284
  • 25 अक्तूबर 2022, दीपावली के अगले दिन = 214
वर्ष 2023 एयर क्वालिटी इंडेक्स ( एक्यूआई )
  • 11 नवंबर 2023 , दीपावली से पहले= 138.87
  • 12 नवंबर 2023, दीपावली के दिन = 363.66
  • 13 नवंबर 2023, दीपावली के अगले दिन = 245.07
वर्ष 2024 एयर क्वालिटी इंडेक्स ( एक्यूआई )
  • 30 अक्तूबर 2024, दीपावली से पहले = 181.6
  • 31 अक्तूबर 2024, दीपावली के दिन = 290.3
  • 01 नवंबर 2024, दीपावली के दूसरे दिन = 320 .6


Credit By Amar Ujala

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