यूपी- UP: 48 घंटे में केस रफा-दफा! एक IAS समेत 18 पुलिसकर्मियों पर लगे थे ये आरोप, क्या बोले एसपी? – INA

यूपी के गाजीपुर के नंदगंज थाना में 27 अक्टूबर को चंदौली जनपद के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमित कुमार समेत 18 पुलिसकर्मी के खिलाफ गाजीपुर के सीजेएम कोर्ट के आदेश पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था. ऐसे में मुकदमा दर्ज कराए अभी 2 दिन भी नहीं बीते थे की 29 अक्टूबर को ही इस पूरे मामले को गाजीपुर पुलिस ने डिस्पोजल करते हुए खारिज कर दिया. पुलिस ने इसकी रिपोर्ट कोर्ट भी भेज दिया.

चंदौली जनपद में साल 2021 में तैनात कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह ने चंदौली पुलिस के वसूली की एक लिस्ट वायरल की थी, जिसमें प्रतिमाह 12.5 लाख रुपए की वसूली की बात कही गई थी. इसी को आधार मानकर पुलिस ने उसे सस्पेंड कर दिया था. इस दौरान उस पर डकैती ,गौ तस्करी जैसे कई गंभीर आरोप लगाते हुए गैंगस्टर एक्ट के मामले में भी कार्रवाई की गई थी. पुलिस ने उसे जेल भी भेजा था जेल जाने के बाद वह जमानत पर बाहर आया और कोर्ट के आदेश पर नौकरी भी करने लगा.

नंदगंज पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का दिया था आदेश

अनिल कुमार सिंह ने इसके बाद कोर्ट में 156(3) के तहत वाद दाखिल किया. वाद पर गाजीपुर की सीजेएम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सितंबर महीने में नंदगंज पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस के द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था. ऐसे में कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह हाई कोर्ट की सहारा लिया, जिसकी 28 नवंबर को हाई कोर्ट में तारीख थी और कोर्ट के अवमानना से बचने के लिए नंदगंज पुलिस ने 27 अक्टूबर को मुकदमा दर्ज कर लिया था.

कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह चंदौली जनपद में तैनात थे. अनिल कुमार की गाजीपुर के नंदगंज थाना के बडहरा गांव में ससुराल थी. ऐसे में ससुराल रहने के दौरान ही उनके अपहरण का प्रयास किया था, जिसके बाद उनकी बेटी ने 112 पुलिस को सूचना दी थी और सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने का थाने में एप्लीकेशन भी दिया था. हालांकि इस दौरान भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद उसने कोर्ट का सहारा लिया.

48 घंटे में केस रफा-दफा

मुकदमा 27 अक्टूबर की रात में दर्ज हुआ था. वहीं 48 घंटे में ही पुलिस ने इस मामले पर अपनी पूरी रिपोर्ट लगा दी. पुलिस अधीक्षक डॉ ईरज रजा की बात माने तो कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह के ऊपर कई तरह के गंभीर आरोप थे. साथ ही उसके ऊपर गैंगस्टर का मुकदमा भी दर्ज था, जो उसने कोर्ट में वाद दाखिल करते समय तथ्यों को छुपाया था. इसी को आधार मानकर उस मामले को खारिज करते हुए इसकी रिपोर्ट कोर्ट को भेज दिया गया है. साथ में कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी विभाग और कोर्ट को जानकारी दे दी गई है.


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