रायपुर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बैंक ब्रांच मैनेजरों और बैंको के अधिकारियों की बैठक ली। सिविल लाइन स्थित सी-04 भवन के सभाकक्ष में रायपुर के विभिन्न बैंकों के ब्रांच मैनेजरों और अधिकारियों की बैठक ली गई। इस बैठक के दौरान एसएसपी ने बैंक के सुरक्षा को लेकर दिशानिर्देश दिए। इसके साथ ही ऑनलाइन ठगी जैसी घटनाओं पर चर्चा किए।
बैठक में एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने ब्रांच मैनेजरों से निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की-
01. बैंक की सुरक्षा के मद्देनजर अलार्म हमेशा चालू रखने और समय-समय पर इसे चेक करने के लिए कहा गया। बैंकों में अनिवार्य रूप से गार्ड रखने और उनके हथियारों का वेरीफिकेशन कराने के निर्देश दिया गया। इसके साथ ही बैंकों में लगा फायर सिस्टम नियमित रूप से चालू रखने के लिए कहा गया। बैंक के अंदर-बाहर और पार्किंग समेत बैंक के बाहर रोड को कवर करते हुए पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे लगाने और कैमरों को हमेशा चालू हालत में रखने के साथ बैकअप डाटा रखने कहा गया।
02. पुलिस की ओर से मांगी जाने वाली अपराध से संबंधित जानकारियां सहित अन्य जानकारियों को बिना देरी के उपलब्ध कराने कहा गया, इससे समय रहते आरोपी के संबंध जानकारी एकत्र किया जा सके और पीड़ित व्यक्ति को राहत मिल सके।
03. पुलिस की ओर से मांगे जाने पर एटीएम बूथ की फुटेजों को तत्काल उपलब्ध कराने और प्रत्येक एटीएम बूथ में 24 घंटे सुरक्षा गार्ड रखने और बैंक के अंदर व बाहर अनावश्यक रूप से घुमने वालों सहित संदिग्ध व्यक्तियों के संबंध में नजदीकी पुलिस थाना में सूचना देने कहा गया।
04. बैंको में एडवांस सीसीटीवी कैमरा लगवाने ताकि बैंको में लगातार अधिक दिनों तक अवकाश होने पर आसानी से कैमरों के माध्यम से बैंक में नजर रखा जा सकें।
05. पुलिस की ओर से फ्रॉड करने वाले व्यक्तियों के संबंध में जानकारी मांगी जाती है, तो ऐसे लोगों के संबंध में क्विक रिस्पांस देने, के वाय सी को मजबूत करने और के वाय सी अपडेट को फिजिकल वेरीफाई करने कहा गया।
06. यदि कोई व्यक्ति अपना चेहरा और मुंह ढ़ककर बैंक या एटीएम् बूथ में जाता है तो इस संबंध में गार्ड को सख्त निर्देश देते हुये ऐसे व्यक्तियों को बैंक व ए.टी.एम. बूथ में जाने से रोकने को कहा गया।
07. पुलिस की ओर से मांगे जाने पर डेली सेटलमेंट रिपोर्ट और बेनीफेसरी डिटेल तत्काल उपलब्ध कराने को कहा गया। बैंक शाखाओं में किसी भी ग्राहक के बैंक खाता में किसी भी बैंक द्वारा होल्ड लगाने पर इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को देने कहा गया।
08. इसके साथ ही इस संबंध में भी चर्चा हुई कि किसी व्यक्ति के साथ फ्रॉड संबंधी अपराध घटित हुआ है, तो जल्द से जल्द कार्यवाही करते हुए अपराधी को चिन्हांकित किया जा सके और पीड़ित को राहत दिया जा सके।
09. वर्तमान में सायबर ठगों ने पीड़ितों को अपने झांसे में लेकर डिजिटल रूप से अरेस्ट करने की धमकी देकर उन्हें डरा -धमकाकर उनसे रकम ऐंठे जाते है, तो इस प्रकार से यदि कोई भी पीड़ित व्यक्ति बैंक आता है या परेशान रहता है, तो उसकी हर संभव मदद करने के साथ ही इसकी सूचना तत्काल पुलिस को देने कहा गया।
10. पुलिस ने फाईनेंशियल और एटीएम ठगी के प्रकरणों में ठगों के खातों में गये रकम को तत्काल होल्ड करने सहित बैंकों में ठगों के खातों की राशि होल्ड राशि को पीड़ितों के खाते में बिना जटिल प्रक्रिया के आसानी से वापस कराने कहा गया।
बैंक के ब्रांच मैनेजरों को पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर नवीन कार्य योजना तैयार कर ठगी समेत अन्य प्रकरणों में काम करते हुए जानकारियों का त्वरित आदान – प्रदान कर अपराधों को रोकने, पुलिस और बैंक मिलकर कैसे किसी अपराधी को पकड़ सकती है, कैसे किसी भी पीड़ित का पैसा त्वरित वापस कराया जा सकता है, इसे और बेहतर कैसे किया जा सकता है, के संबंध में चर्चा किया गया।
रायपुर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बैंक ब्रांच मैनेजरों और बैंको के अधिकारियों की बैठक ली। सिविल लाइन स्थित सी-04 भवन के सभाकक्ष में रायपुर के विभिन्न बैंकों के ब्रांच मैनेजरों और अधिकारियों की बैठक ली गई। इस बैठक के दौरान एसएसपी ने बैंक के सुरक्षा को लेकर दिशानिर्देश दिए। इसके साथ ही ऑनलाइन ठगी जैसी घटनाओं पर चर्चा किए।
बैठक में एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने ब्रांच मैनेजरों से निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की-
01. बैंक की सुरक्षा के मद्देनजर अलार्म हमेशा चालू रखने और समय-समय पर इसे चेक करने के लिए कहा गया। बैंकों में अनिवार्य रूप से गार्ड रखने और उनके हथियारों का वेरीफिकेशन कराने के निर्देश दिया गया। इसके साथ ही बैंकों में लगा फायर सिस्टम नियमित रूप से चालू रखने के लिए कहा गया। बैंक के अंदर-बाहर और पार्किंग समेत बैंक के बाहर रोड को कवर करते हुए पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे लगाने और कैमरों को हमेशा चालू हालत में रखने के साथ बैकअप डाटा रखने कहा गया।
02. पुलिस की ओर से मांगी जाने वाली अपराध से संबंधित जानकारियां सहित अन्य जानकारियों को बिना देरी के उपलब्ध कराने कहा गया, इससे समय रहते आरोपी के संबंध जानकारी एकत्र किया जा सके और पीड़ित व्यक्ति को राहत मिल सके।
03. पुलिस की ओर से मांगे जाने पर एटीएम बूथ की फुटेजों को तत्काल उपलब्ध कराने और प्रत्येक एटीएम बूथ में 24 घंटे सुरक्षा गार्ड रखने और बैंक के अंदर व बाहर अनावश्यक रूप से घुमने वालों सहित संदिग्ध व्यक्तियों के संबंध में नजदीकी पुलिस थाना में सूचना देने कहा गया।
04. बैंको में एडवांस सीसीटीवी कैमरा लगवाने ताकि बैंको में लगातार अधिक दिनों तक अवकाश होने पर आसानी से कैमरों के माध्यम से बैंक में नजर रखा जा सकें।
05. पुलिस की ओर से फ्रॉड करने वाले व्यक्तियों के संबंध में जानकारी मांगी जाती है, तो ऐसे लोगों के संबंध में क्विक रिस्पांस देने, के वाय सी को मजबूत करने और के वाय सी अपडेट को फिजिकल वेरीफाई करने कहा गया।
06. यदि कोई व्यक्ति अपना चेहरा और मुंह ढ़ककर बैंक या एटीएम् बूथ में जाता है तो इस संबंध में गार्ड को सख्त निर्देश देते हुये ऐसे व्यक्तियों को बैंक व ए.टी.एम. बूथ में जाने से रोकने को कहा गया।
07. पुलिस की ओर से मांगे जाने पर डेली सेटलमेंट रिपोर्ट और बेनीफेसरी डिटेल तत्काल उपलब्ध कराने को कहा गया। बैंक शाखाओं में किसी भी ग्राहक के बैंक खाता में किसी भी बैंक द्वारा होल्ड लगाने पर इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को देने कहा गया।
08. इसके साथ ही इस संबंध में भी चर्चा हुई कि किसी व्यक्ति के साथ फ्रॉड संबंधी अपराध घटित हुआ है, तो जल्द से जल्द कार्यवाही करते हुए अपराधी को चिन्हांकित किया जा सके और पीड़ित को राहत दिया जा सके।
09. वर्तमान में सायबर ठगों ने पीड़ितों को अपने झांसे में लेकर डिजिटल रूप से अरेस्ट करने की धमकी देकर उन्हें डरा -धमकाकर उनसे रकम ऐंठे जाते है, तो इस प्रकार से यदि कोई भी पीड़ित व्यक्ति बैंक आता है या परेशान रहता है, तो उसकी हर संभव मदद करने के साथ ही इसकी सूचना तत्काल पुलिस को देने कहा गया।
10. पुलिस ने फाईनेंशियल और एटीएम ठगी के प्रकरणों में ठगों के खातों में गये रकम को तत्काल होल्ड करने सहित बैंकों में ठगों के खातों की राशि होल्ड राशि को पीड़ितों के खाते में बिना जटिल प्रक्रिया के आसानी से वापस कराने कहा गया।
बैंक के ब्रांच मैनेजरों को पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर नवीन कार्य योजना तैयार कर ठगी समेत अन्य प्रकरणों में काम करते हुए जानकारियों का त्वरित आदान – प्रदान कर अपराधों को रोकने, पुलिस और बैंक मिलकर कैसे किसी अपराधी को पकड़ सकती है, कैसे किसी भी पीड़ित का पैसा त्वरित वापस कराया जा सकता है, इसे और बेहतर कैसे किया जा सकता है, के संबंध में चर्चा किया गया।