सेहत – आज क्या बनाएं? स्पेशल ने इस खासियत से बचने का खोजा अनोखा रास्ता, 15 साल से जी रही मौज की जिंदगी!

अजीब जीवनशैली समाचार: अक्सर लोग इस कश्मकश में फंस जाते हैं कि आज क्या खा रहे हैं। किचन में बहुत से सामान के बावजूद कई बार यह समझ नहीं आता कि दिन का मेन्यू क्या होना चाहिए। कभी न कभी आप भी इस परेशानी में जरूर छुपे होंगे। ऑफिस जाने पर किस दिन कौन सी ड्रेस शीट मिलती है, यह सवाल लोगों का वेतन बढ़ाता है। जापान का एक युवा गो किता (गो किता) खाने-पीने और कपड़ों की किस्मों को लेकर तनाव में रहता था, तो उसने भागने का अनोखा रास्ता ढूंढ लिया। साइंटिस्ट ने एक बार अपना ब्रेकफ़ास्ट, मोटोरोला और डायनर का मेन्यू सेट लिया और लगातार 15 सार्टिक सेम इंडिपेंडेंट प्लान को फॉलो कर रही है। इतना ही नहीं, फ्लैट के मामले में भी उसी तरह का निर्णय लिया गया और पुराने लोगों तक का सामान मुफ्त हो गया।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार जापान का 38 साल का स्पेशल गो किता पिछले 15 सामुद्रिक से एक ही तरह का खाना खा रहा है और एक ही तरह की साज़िशों को फॉलो कर रहा है, ताकि रोज़ इस तरह के जजमेंट न लें। इन फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में काम करने वाले का अनुभव है कि इस लाइफस्टाइल से उसका मन शांत रहता है और मानसिक तनाव कम होता है। इसमें शामिल भाग में भारी जीवन में मृत्यु के कई निर्णय लेने से डिसिजन फ़ाटिग (निर्णय थकान) हो सकता है, जिससे व्यक्ति की विचारधारा की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे बचने के लिए उसने एक सोसाइटी सेट की है।

मित्र की राय तो जब किता ने पहली बार काम किया था, तो ऑफिस में हर दिन कई जजमेंट लेने से वह बहुत परेशान हो गई थी। लगातार बहुत से जजमेंट लेने से उसके सुपरहीरो और मानसिक शांति का पतन हो रहा था। इसी वजह से उन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ को सिंपल बनाने का फैसला लिया। इसकी प्रेरणा उन्हें जापान के पूर्व बेसबॉल खिलाड़ी इचिरो सुजुकी से ली ने दी। सुज़ुकी ने अपने खेल में जीवन में सफलता पाने के लिए एक कड़ी प्रस्तुत की थी, जिसमें वह हर दिन एक जैसे काम करती थी, जैसे कि चावल खाना बनाना और निश्चित समय पर अभ्यास करना।

किता ने सुज़ुकी के उदाहरणों से प्रभावित होकर अपने उपभोग और उपभोग को सरल बनाया। किता पिछले 15 सारे से हर दिन अटेस्ट में नट्स एंड रेमन (चाइनीज मेटल), दो के खाने में चिकन और रात के खाने में स्वादिष्ट हुए पोर्क और बीन स्प्राउट्स खा रहे हैं। साथ ही वह समय-समय पर दर्शनीय स्थलों की यात्रा करता है, ताकि शरीर में पोषक तत्वों की कमी न हो। किता ने अपनी सिगरेट को लिया और भी सख्त बनाया है, जैसे हर दिन एक को कपड़े पहनना और एक को जुराबें और मोटे का इस्तेमाल करना। प्रोडक्ट के मामले में भी किता का सामान फिक्स है.

जापानी विशेषज्ञों ने अपनी टीमों के सदस्यों को भी एक खास समय पर करने की आदत डाल ली है। वह कारीगरी, कपड़े के कपड़े, नैक कपड़े जैसे काम एक फिक्स टाइम पर करता है। उनका मानना ​​है कि इन नियमित और कठोर अवलोकन से उनके दिमाग पर कम दबाव पड़ता है, जिससे काम पर मुख्य फोकस करने में मदद मिलती है। जब रोज के जजमेंट की जरूरत ही नहीं बंद होती, तब इससे मानसिक दबाव पड़ता है। सीता की कहानी सामने आने के बाद लोगों के बीच चर्चा होने लगी। कुछ लोग किता की शोभा बढ़ा रहे हैं, तो कुछ लोग इसे सही नहीं मान रहे हैं।

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