सेहत – काम के साथ-साथ स्वस्थ रहने की छुट्टी दे कुछ अवकाश, क्यों जरूरी है मेंटल वेकेशन

दुनिया में 4 में से 1 व्यक्ति स्मोकिंग करता है। सेक्टर सेक्टर में काम करने वाले स्टाफ स्ट्रेस की वजह से सबसे ज्यादा स्मोकिंग के लिए ब्रेक लेते हैं। ऐसे में जापान की एक कंपनी अपने कर्मचारियों को 6 दिन की अतिरिक्त छुट्टी दे रही है जो गैर धूम्रपान करने वाले हैं ताकि उन्हें धूम्रपान करने वाले कर्मचारी सिगरेट सिगरेट छोड़ने की छुट्टी मिल जाए। वर्कशॉप में तनाव के साथ हर कोई काम कर रहा है लेकिन इस तरह के कर्मचारियों को स्वस्थ रखा जा सकता है। कंपनी में कई अजीबो-गरीब बिल्डरों की पेशकश की जा रही है ताकि उनके कर्मचारी तनाव मुक्त रहें और काम को खुशी-खुशी पूरे जोश के साथ करें।

वर्कशॉप और सिगरेट का कनेक्शन
डिजिटल नियंत्रण एवं पूर्वावलोकन केंद्र (सीडीसी) 6 साल तक धूम्रपान पर एक अध्ययन किया। पाया कि इसमें जो लोग फैक्ट्री और ऑफिस में काम करते हैं बाकी लोग 26.1% सिगरेट पीते हैं। वर्कशॉप स्ट्रेज़ कर्मचारियों को चेन सिगरेट बनाती है। 10 मिनट का सिगरेट ब्रेक उन्हें राहत देता है और निकोटिन उनके शरीर में डोपामाइन नाम का हैप्पी हार्मोन रिलीज करता है। यानी इमोशनल रिलीव कंपनी उन्हें कुछ मिनटों के लिए स्मोकिंग करती है, जिसकी वजह से कर्मचारियों को सिगरेट की लत लग जाती है।

सितारों को नहीं पीने वालों को नहीं
जापान की मार्केटिंग फर्म पियाला ने अपने नॉन स्मोकर कर्मचारियों को नॉन सिगरेट वेकेंसी के लिए मंजूरी दे दी है। कंपनी का मानना ​​है कि नॉन स्मोकर एम्प्लॉयज को कोई प्रभावशाली कंपनी नहीं मिली, जबकि अपनी वह सेहत का असली हिस्सा बनी रही, कंपनी को अपना पूरा वक्त दिया गया है। जबकि सिगरेट पीने वाले कर्मचारी हर 2-3 घंटे में 15 मिनट के लिए सिगरेट ब्रेक पर चले जाते हैं। ऐसे में कंपनी ने नॉन स्मोकर कर्मचारियों को 6 अतिरिक्त ऑफर की पेशकश की है, ताकि सिगरेट पीने वाले कर्मचारी बिना सिगरेट पीने वाले कर्मचारियों को छोड़ सकें। वर्कशॉप स्ट्रेस को दूर करने के लिए सिंगापुर का सहारा उनकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है।

वर्कशॉप के कारण लोग अवसाद का शिकार हो जाते हैं (छवि-कैनवा)

चीन में ‘अनहैप्पी लीव्स’
अप्रैल 2024 में चीन के सुपर मार्केट वीक नाम की स्ट्रेंथ चेन ने अपने कर्मचारियों को 10 ‘अनहैप्पी लीव्स’ की घोषणा की। कंपनी के मालिक ने अपने कर्मचारियों को यह छुट्टी देते हुए कहा कि जो इमोशनली चले गए हैं और खुश नहीं हैं। कंपनी का मानना ​​है कि कर्मचारियों का खुश रहना बेहद जरूरी है लेकिन अगर वह दुखी हैं तो इसका असर काम पर भी पड़ेगा।

मेंटल हेल्थ डे ऑफ
विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन अध्ययन के अनुसार 2016 में 745000 लोगों ने लंबे समय तक स्ट्रोक और हार्ट अटैक के कारण दुनिया को जिंदा कहा। 2000 में यह मामला 29% तक बढ़ गया। अध्ययन में कहा गया है कि सप्ताह में 55 घंटे से ज्यादा काम करने से स्ट्रोक और दिल की चुनौती का स्तर बढ़ जाता है। वर्कशॉप की वजह से कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। कई कर्मचारी अवसाद, अकेलेपन और अंग्रेजी के शिकार हो जाते हैं। कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए दुनिया के कई कर्मचारी उन्हें ‘मेंटल हेल्थ डे’ की पेशकश दे रहे हैं। इनमें से लिंडेन, नाइक, गिरजाघर, माइक्रोसॉफ्ट, सिग्नल एड जारीर्स बिजनेस इंडस्ट्रीज शामिल हैं।

मेंटल वेकेशन क्यों जरूरी
कलाकारों में कुछ कंपनी मेटल वेकेशन भी दे रही हैं। यह वेकेशन मेंटल हेल्थ को मापने के लिए जरूरी है। इसके कर्मचारियों को एक छोटा सा ब्रेक मिल जाता है जिससे उनका तनाव दूर हो जाता है और काम में उनकी उत्पाद क्षमता बढ़ जाती है। मेंटल वेकेशन में कुछ सक्रियता, कार्य और चिकित्सा उद्योग शामिल होते हैं। मेंटल वेकेशन से जब मेंटल हेल्थ माप होता है तो व्यक्ति अपने काम से पहले की तरह प्यार करने लगता है।

वर्कशॉप स्ट्रेस कुछ कर्मचारियों को ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार बनाता है (छवि-कैनवा)

वृद्धावस्था महिलाओं के लिए रजोनिवृत्ति लीव
40 के बाद महिलाओं में रजोनिवृत्ति कभी भी शुरू हो जाती है जो कुछ प्राचीन तक होती है। जब रजोनिवृत्ति शुरू होती है तो महिलाओं में ओवरी काम करना बंद कर दिया जाता है और हार्मोन में बदलाव के कारण उन्हें मूड शुगर, चिड़चिड़ापन, अचानक तेज बुखार, वजन का बढ़ना, डिप्रेशन जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। यह समय महिला के लिए आसान नहीं होता है। महिला कर्मचारियों की इस परेशानी को कम किया गया माइक्रोसॉफ्ट और एडोब जैसी बड़ी कंपनियां मेनोपोज लीव दे रही हैं। यह पेड लीव है जो महिलाओं को खुद का निजी रखने का मौका देती है। इसके अलावा, इस दौरान कुछ उद्यमियों के लिए फ्लेक्सिबल काम करने की सुविधा भी उपलब्ध है।

कर्मचारियों के लिए जरूरी है नौकरी
मनोचिकित्सक मुस्कान यादव कहा जाता है कि हर कर्मचारी को सप्ताह में 1 छुट्टी मिलती है लेकिन जरूरी नहीं कि हर दिन व्यक्ति खुश रहे। कई बार वर्क लोड इतना होता है कि व्यक्ति बर्न आउट महसूस करता है। वह किसी तरह बस काम को लेकर घर भागना चाहता है या कहीं दूर निकलना चाहता है। जब भी कोई व्यक्ति हर मिनट काम के बारे में सोचता है तो उसका मानसिक स्वास्थ्य लाभ होता है। उसके पास खुद के लिए वक्त नहीं बचता और ना ही वह परिवार को समय दे पाता है जिससे अवसाद, एंजाइटी और अकेलापन उसे घेर लेता है। काम करने के साथ-साथ स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है, लेकिन इंसान काम में अपना 100% दे सकता है। दिमाग को आराम की ज़रूरत होती है इसलिए हर कर्मचारी को साल में 2 बार लंबी छुट्टी और हर सप्ताहांत पर एक दिन आराम ज़रूर करना चाहिए।


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