सेहत – गाय या भैंस… किसका घी होता है आकर्षक? वजन घटाना, सूजन बढ़ना, बढ़ना इसके फायदे हैं

गाय का घी बनाम भैंस का घी: मिर्च आलू का परांठा हो या फिर गरमा गर्म दाल हो… अगर ऊपर से एक चम मां घी दाल दिया जाए तो खाने का मजा दुगना हो जाता है। भारतीय क्रिस्चियन में घी एक ऐसी अनोखी चीज़ है जिसका प्रयोग बहुत होता है। वजन कम करने वालों को वजन कम करने की सलाह दी जाती है, लेकिन घी एक ऐसा फिट है, जो केवल आपको स्वास्थ्य लाभ कम करने के लिए वजन कम करने में मदद करता है। श्रीकृष्ण के बचपन की लीलाएं हों या फिर कोई पूजा करनी हो गाय के घी का जत्था आपने सुना ही होगा। घी हेलदी फैट का एक बेहतरीन नमूना है. हमारे घर में गाय और भैंस दोनों के ही दूध से बनी घी की स्थापना होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर के लिए इन दोनों में से कौन सा जादुई होता है? चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं।

गाय का घी

यूं तो गाय और भैंस की विधि, दोनों का ही घी बनाने की एक ही खासियत है. लेकिन गाय का घी और भैंस का घी दोनों के ही अपने-अपने अनूठे फायदे हैं। गाय का घी गाय के दूध की मलाई या मक्खन से बनाया जाता है. न्युट्रर फाईशन की बात करें तो गाय के घी में लगभग 62 से 65 प्रतिशत सेचुरेट फाईड फाईड होता है, जिसमें शॉर्ट-चेन और डेमो-चेन कृमि एसिड की मात्रा अधिक होती है। गाय के घी में वसा-घुलनशील विटामिन होते हैं, विशेष रूप से विटामिन ए, डी, ई, और के2। इसके मुख्य कंपाउंड्स में ब्यूटिरिक एसिड शामिल है, जो सूजन-रोधी गुणों के लिए जाना जाता है और त्वचा के स्वास्थ्य का समर्थन करता है।

बफ़ेलो का घी

बफ़ेलो का घी बफ़ेलो के दूध से नकली क्रीम या मक्खन से बनती है। इस दूध में फ़ातिहा रिवायत होती है. आम तौर पर इसमें लगभग 80 से 85 प्रतिशत सेचुरेट पूरक आहार होता है, जिससे यह गाय के घी की तुलना में पतला और समृद्ध होता है। यह भी वसा-घुलनशील विटामिन से भरपूर होता है, लेकिन इसमें गाय के घी की तुलना में विटामिन ए की मात्रा थोड़ी कम होती है। इसलिये बफ़ेलो के घी में कैलोरी अधिक होती है। यानि अगर आप कच्चे तेल में घी डालते हैं तो ये घी आपके लिए कमाल का होता है.

सिद्धांतवाद में अंतर

स्वाद के मामले में, गाय का घी, नारियल का स्वाद और सुखद सुगंध मिलती है। हालाँकि ये सभी गुण गाय की नस्ल और उसके आहार के आधार पर अलग हो सकते हैं। जबकि बफ़ेलो का घी अपनी समृद्ध और मलाईदार मजबूती के लिए जाना जाता है। जो गाय के घी की तुलना में एक मजबूत स्वाद और सुगंध वाला होता है।

सेहत का खजाना हैं ये दोनों घी

गाय के घी के स्वास्थ्य लाभ

– स्वस्थ पाचन और आहार के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
– इसके एंटी-सामग्री के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
– शॉर्ट-चेन और डाइमेंशन-चेन सीएडी के कारण वेट रेजिमेन में मदद मिल सकती है।

भैंस के घी के स्वास्थ्य लाभ

– इसकी ऊर्जा घनत्व जो उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ खाने वालों के लिए सही है।
-इस घी में सूजन-रोधी गुण होते हैं।
– इसकी समृद्धता को आवश्यक एसिडिटी के कारण त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार से जोड़ा जाता है।

गाय का घी बनाम भैंस का घी

बफ़ेलो के घी में लगभग 80 से 85 प्रतिशत सेचुरेट फाईड फ़ास्ट होता है, जिससे यह गाय के घी की तुलना में लगभग 80 से 85 प्रतिशत सेचुरेट फाईड फ़ेट होता है।

खाने में कैसे करें ड्रेसिंग

गाय का घी आम तौर पर भारतीय खाना पकाने में स्वाद, भूनने और विभिन्न मसालों में स्वाद बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह पारंपरिक मिठाइयाँ और कैरी बनाने के लिए प्लास्टर पर लगाया जाता है। साथ में ही पास्ता या चावल के ऊपर से दाल कर खाने के बाद भी ये घी सबसे अच्छा रहता है. दूसरी ओर, भैंस का घी भारतीय और दक्षिण एशियाई मसालों में बहुतायत में पाया जाता है। विशेष रूप से मिठाइयों और डेजर्ट बनाने के लिए, इसमें मलाईदार टै भंडार और आईएस आलेपन बल्लाकुल भंडार रहता है। यानी गाय और भैंस, दोनों के ही घी के अपने-अपने फायदे हैं, लेकिन आपको अपनी जरूरत के हिसाब से हसाब से इलाज करना चाहिए। अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो आपके लिए गाय का घी सबसे अच्छा रहेगा। जबकि अगर आप वजन घटाने वाले वजन चाहते हैं और आपको कैलोरी का उपयोग करना है तो बफ़ेलो का दूध आपके लिए स्वादिष्ट होगा।


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