सेहत – थायर आयोडीन की यह दवा हड्डियाँ कर रही फ़्राई! ज्यादातर डॉक्टर प्रिस्क्राइब करते हैं, क्रिएटर्स में स्टूडेंट वाला अपडेट

थायराइड की दवा से हो सकती है हड्डियों को नुकसान: थायर प्रोटीन हार्मोन्स से जुड़ी एक बीमारी है, जिसका इलाज अलग-अलग औषधियों से किया जाता है। जब थायर नॉटिरायड ग्लैंड कम सक्रिय होता है, तब हाइपोथायर ऑरिओटेडिज्म की कंडीशन पैदा होती है। इसके विपरीत जब थायरोहाइड्रेट ग्लैंड मैस्टिक एक्टिव होता है, तब इस कंडीशन को हाइपरथायरायर ऑक्साइड कहा जाता है। दोनों ही कंडीशन लोग बुरी तरह प्रभावित होते हैं। पूरी दुनिया में करोड़ों लोग थायर पादरियों से स्केटिंग कर रहे हैं और उन्हें रोज़ रोज़ लेकिना बना कर ले जाते हैं। इन औषधियों को लेकर डॉक्टर की सलाह तो ली ही जाती है, लेकिन एक नई बात में थायर ऑक्सिडिटी की औषधि को लेकर बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई है। इसमें पता चला है कि थायरोहाइड्रेट की एक दवा हड्डियां ड्राइ हो सकती है।

रेडियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आरएसएनए) की रिपोर्ट के अनुसार एक किशोर निदान में पाया गया है कि होपथायर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा लेवोथायरोक्सिन (लेवोथायरोक्सिन) से हृदय संबंधी खतरा बढ़ सकता है। लेवोथायरोक्सिन अमेरिका में बुजुर्गों को दूसरी सबसे ज्यादा प्रिस्क्राइब की जाने वाली दवा है। यह दवा थायर नाइट्रेट की कार्यक्षमता को ठीक करने के लिए दी गई है। यह जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं की सूची है। इसमें अनुमान लगाया गया है कि लेवोथायरोक्सिन के उपयोग से हड्डियों को नुकसान हो सकता है।

इस अध्ययन में 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया गया था, जिसमें कहा गया था कि थायर नाइट्रोजन स्तर सामान्य था, लेकिन फिर भी वे लेवोथायरोक्सिन ले रहे थे। बेरोजगार ने देखा कि लेवोथायरोक्सिन का उपयोग करने वाले युग में बोन मास और बोन डायनेसिटी में गिरावट आई। यह गिरावट तब भी जारी रही, जब उनका थायर नाइट्रोजन स्तर सामान्य श्रेणी में था। अध्ययन के दौरान 6.3 साल के औसत फॉलो-अप के बाद यह पता चला कि जिन लोगों ने लेवोथायरोक्सिन दिया, उनके हड्डियों के नुकसान का खतरा अन्य लोगों की तुलना में कहीं अधिक था।

इस शोध का मुख्य उद्देश्य यह था कि क्या लेवोथायरोक्सिन और सामान्य स्टेरॉयड स्तर भी हड्डियों के नुकसान का कारण बन सकते हैं। जॉन्स हॉपकिन्स के अधिवक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि लेवोथायरोक्सिन लेने वाले इंजेक्शन को थायरॉयड की नियमित जांच करानी चाहिए और दवा के फायदे और नुकसान का आकलन करना चाहिए। उन्हें डॉक्टर से अपनी दवा पर चर्चा करनी चाहिए और हड्डियों की सेहत पर ध्यान देना चाहिए। इस अध्ययन में यह बात कही गई है कि यदि किसी व्यक्ति को लेवोथायरोक्सिन दी जा रही है, तो उन्हें स्वास्थ्य जांच पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

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