सेहत – देसी औषधियों की फैक्ट्री है ये सूखी लकड़ी! दिल के स्वास्थ्य के लिए रामबाण, पानी में स्टॉक करके सेवन करें, शरीर को मजबूत बनाएं

अर्जुन की छाल के फायदे: शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आयुर्वेद में हजारों पारंपरिक से लेकर औषधीय गुणों वाले पेड़-पौधों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कई प्लांट्स में पावरफुल कंपनी होती है, जो स्वास्थ्य का आकलन करने में बेहद कारगर साबित हो सकती हैं। ऐसा ही एक अर्जुन का पेड़ है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में टर्मिनलिया अर्जुन (टर्मिनलिया अर्जुन) कहा जाता है। इस पेड़ की शिष्या को कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की प्राचीन औषधि माना जाता है। कई अध्येताओं के अध्ययन में भी इसे स्वास्थ्यवर्धक बेनिट्ज़ आयरन माना गया है। अर्जुन की स्टूडेंट का पाउडर या इस स्टूडेंट को पानी में डूबा हुआ फाउंडेशन फाउंडेशन के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। अगर आप अपने दिल के स्वास्थ्य के लिए उपाय करना चाहते हैं, तो इस छात्र का सेवन कर सकते हैं। इससे शरीर को डायनामिक लाभ मिल सकते हैं।

यूएस के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की रिपोर्ट के अनुसार कई गंभीर गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अर्जुन के छात्र का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा में लंबे समय तक किया जा रहा है। कई अध्ययनों में इसे हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना गया है, जबकि कुछ अध्ययनों में इसे औषधि के साथ आम तौर पर लिया गया है। इस पुस्तकालय में कोलेजन, हाइपोटेंसिव, एंटी-एथेरोजेनिक, एंटी-इन्फ्लमेट्री, एंटी-कार्सिन एजेंट और एंटी-म्यूटाजेनिक गुण से भरपूर माना जाता है। इसमें मौजूद तत्व गैस्ट्रिक स्वास्थ्य पर भी परीक्षण के पहलू मौजूद हैं। पौधों की औषधियों में इसका भरपूर उपयोग होता है।

दंगल के सिद्धांत तो अर्जुन के शिष्यों में ऐसे कई केमिकल्स होते हैं, जो हमारे दिल को उत्तेजित करते हैं, जिससे दिल का स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। इस छात्र के सही तरीके से सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कम करने में भी मदद मिल सकती है। कई लोगों के सीने में दर्द, अस्थमा, हार्ट डिजीज और मोटापा सहित कई लोगों के लिए इस देसी स्टूडियो का उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग कान के दर्द और यूरीनरी मिल्क से बने पदार्थ के लिए भी किया जाता है। एक एंटी-इस्केमिक एजेंट के रूप में काम करता है और दिल के स्वास्थ्य का मूल्यांकन कर सकता है। कई लोग इसे पेट के स्वास्थ्य की माप करने और भूख-प्यास से राहत में गिरावट मानते हैं। हालाँकि कई शोधों पर सीमित प्रमाण और अधिक शोध करने की आवश्यकता है।

आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सलाह के अनुसार बाजार में अर्जुन की शिष्या का पाउडर और टेबलेट उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग चिकित्सक की सलाह पर किया जा सकता है। लोगों को अपने स्टॉक से इस स्टॉक का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और गंभीर छात्रों से जुड़े लोगों को भी इस छात्र का सेवन कोचिंग की सलाह के बाद ही करना चाहिए, अन्यथा परेशानी में फंस सकते हैं। डॉक्टर आपकी कंडीशन के अनुसार इस छात्र की खुराक तय करें, ताकि शरीर को फायदा मिल सके। यह एक देसी औषधि मानी जाती है, लेकिन इसे लेकर भी सावधानी बरतनी जरूरी है।

यह भी पढ़ें- दुबले-पतले शरीर वाले हो जाएं सावधान, दिमाग की इस बीमारी का बढ़ सकता है खतरा, नई रिसर्च में हुआ खुलासा


Source link

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science