सेहत – नींबू-टमाटर से निकले रंगत! क्या आप भी गोरे रंग और पतली कमर के लिए रील्स के टिप्स अपनाते हैं? तो हो जाइये सावधान

सोशल मीडिया पर आलिया भट्ट जैसी कोई भी लड़की, कोई भी लड़की जैसी लड़की पाने का सपना देखती है। वजन कम करने के टिप्स दिए जा रहे हैं तो कई रंग गोरा करने के टिप्स बताए जा रहे हैं। लेकिन कुछ सेकंड के लिए यह रील्स व्यक्ति की सेहत और रंगत दोनों हो सकते हैं। बार-बार नजरों के सामने इसी तरह की रील सामने आती है तो व्यक्ति खुद को पसंद करता है, विरोध से भी नहीं मिलता। क्यों रील्स पर नामांकित क्रेजी खतरनाक साबित हो सकते हैं?

दिमाग पर हावी होती रील्स
भारत में 36 करोड़ से अधिक लोग आवासीय भवन हैं। 37.8 करोड़ लोग फेसबुक पर हैं। डेटा रिपोर्टेल के सर्वे के मुताबिक हमारे देश में 32.7 करोड़ लोग रील देखते हैं. दोनों ही प्लैटफॉर्म पर एक के बाद एक 90 सेकेंड की लंबी रील मशीन है जिसे 58% लोग फॉलो भी करते हैं। सोशल मीडिया की रीलों में लोगों के दिल-दिमाग में इस कदर हावी हो रही है कि वह इस क्लासरूम दुनिया को सच में उलझाती हैं और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के टिप्स उन्हें दादी मां के टिप्स जैसे लगते हैं। जबकि इस डिजिटल दुनिया पर नामांकित दिए गए टिप्स हमेशा सच होना जरूरी नहीं है।

रीलों का नशा
इंटरनेशनल जनरल ऑफ इंडियन साइकोलॉजी रीलों व्यक्ति को अपना आदी बना रही हैं। इसका असर नशे की तरह होता है. जब कोई व्यक्ति रील्स देखता है तो उसके दिमाग में डोपामाइन नाम का हैप्पी हार्मोन रिलीज होता है जो उन्हें खुशी देता है। रीलों व्यक्ति का व्यवहार बदल दिया गया है। इससे जहां फोकस घटता है, वहीं उत्पादों की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। रील्स ह्यूमन को भुलक्कड़ बनाया गया है।

लोग खुद से खुश नहीं होते
मनोचिकित्साप्रेमी लोगों का कहना है कि इंसानों को उनकी चीजें हमेशा पसंद आती हैं। यह एक लक्ष्य है. वह किसी दूसरे का चेहरा या शरीर ही ठीक है। रील्स ने इस सोच को तोड़ दिया है। रील्स को देखने वाले लोग अपने लुक्स और बॉडी से नखुश रहते हैं। रील्स की वास्तविकता से बहुत दूर है लेकिन वह इसे समझ नहीं पाया है। खुद को खूबसूरत और आकर्षक बॉडी वेज के चक्कर में उन्होंने अपने साथ शामिल कर लिया। किसी व्यक्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। हर कोई एक-दूसरे से जुड़ा है और हर कोई खुद में खूबसूरत है। इंसान की खूबसूरती सूरत में नहीं बल्कि सीरत में होती है।

किसी भी उत्पाद को त्वचा पर लगाने से पहले 48 घंटे तक पैच टेस्ट जरूर करें (छवि-कैनवा)

रील्स देखना चेहरा ना खराब
रील्स पर लेबोरेटरी, मलाई, साबुत और कई तरह के फल ब्यूटी टिप्स का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि जिन लोगों की फिश स्ट्रेंथ या एक्ने वाली होती हैं, उन्हें नींबू, आलू, टमाटर, सेंट्रे के सेवन से बचना चाहिए। असल में ये सभी दवाएं एसिडिक नेचर की होती हैं। यदि सीधे चेहरे पर दिया जाए तो त्वचा की बाहरी परत का विनाश होता है। टमाटर, टमाटर जैसी खट्टी चीजें कभी भी निर्देशित नहीं होनी चाहिए। जिन लोगों को तेल, दूध, दही, तेल या मलाई से परहेज करना चाहिए। इससे रेशम तेलिया शानदार है। अगर स्किन सेंस सामान्य है या एजर्ली है तो स्किन पर किसी तरह का प्रयोग न करें। लोगों को अपनी स्किन टाइप को समझने की जरूरत है। रील्स देखने सेल्फ ब्यूटी आर्किटेक्चर करने से बचना चाहिए।

रील्स मेलानिन से नहीं बल्कि कॉम्प्लेक्शन से बनी है
कोई व्यक्ति गोरा है तो कोई सांवला। यह उनके नामांकन के स्तर पर अनुमोदित नहीं है। मेलानिन एक कैमिकल होता है जो त्वचा में मौजूद होता है। इससे स्किन कॉम्प्लेक्शन के साथ ही बालों और आंखों का रंग तय होता है। जिन लोगों में इस केमिकल का स्तर अधिक होता है, उनका रंग सांवला होता है और जिनकी मात्रा कम होती है, वे गोरे रंग के होते हैं। दुनिया की कोई भी रील त्वचा का रंग नहीं बदल सकती। जिसका स्केच कॉम्प्लेक्शन है, वह जीवनभर एक जैसा ही रहेगा। इसलिए रील्स के झाँसे में ना आना ही समझदारी है।

अपने स्किन टाइप का ध्यान रखें
ज्यादातर सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर ब्रांड्स के साथ कोलेब्रेशन करते हैं और अपने उत्पादों को प्रमोट करते हैं। जरूरी नहीं कि वह जिस प्रोडक्ट को प्रमोट कर रही है या जिस तरह का ब्यूटीफुल वह ले रही है, वह बाकी लोगों के स्किन टाइप जैसा हो। हर किसी की स्किन टाइप अलग-अलग होती है और उसी अकाउंट से ब्यूटी प्रोडक्ट्स और ब्यूटी टिप्स की सलाह लेनी चाहिए। त्वचा को गोरा और बेदाग बनाने की जगह पर उसे टुकड़े-टुकड़े करने का काम करना चाहिए।

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कच्चे तेल पर कभी भी सोडा नहीं लगाना चाहिए, इससे तेल पर दाग लगाया जा सकता है (Image-Canva)

होम रेमेडी की जगह अच्छी वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करें
सोशल मीडिया पर भी खूबसूरत और खूबसूरत मेकिंग की रील्स बनाई जा रही हैं, वह किस पर आधारित हैं, कोई नहीं जानता। अगर किसी को कोई साइड इफेक्ट हो जाए तो किसी को भी दोष नहीं दिया जा सकता. होम रेमेडी के नुस्खे की जगह बेहतर है कि अच्छे पदार्थों और सामग्रियों पर ध्यान दिया जाए। शरीर को सुंदर अच्छा खाना बनाने में मदद मिलती है क्योंकि इसके पोषक तत्व शरीर को बेहतर रूप से सुंदर बनाते हैं। विजिटर भी चेहरे पर चमक लाती है और बॉडी को फिट करती है। इसके अलावा चेहरे पर निखार तब आता है जब व्यक्ति खुश रहता है। खुद को खुशमिज़ाज़ तो शरीर में ना स्ट्रेस की कमी है और ना ही कार्टिसोल की वजह से एलर्जी ऐ या फिर एक्ने जैसी समस्या होगी।

वेट लॉस साज़िश पर प्रतिबंध
असलियत पर कोई आदर्श से तो कोई वजन कम करने के टिप्स देता है। वेट लॉस रील्स से करोड़ों लोग प्रभावित हैं क्योंकि मोटापा एक वैश्विक बीमारी बन गई है। 2019 में सोशल मीडिया पर इस तरह की बातें प्रो-एना हैशटैग के साथ वायरल हो गईं। लेकिन इस तरह की कहानी से कई लोग जब बीमार हो गए तो 2021 में खुद की असलियत को इस तरह की रीलों पर बैन लगा दिया। सोशल मीडिया पर बताया गया है कि टॉक्सिक घटक और औषधीय मानसिक विकार, गैस्ट्रिक बेचैनी और खून की कमी का कारण बन सकते हैं। वजन कम करने के लिए अच्छी नींद, वजन कम करना और वजन कम करना काफी जरूरी है।


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