सेहत – बच्चे को बार-बार हो जाती है कंस्टीपेशन की समस्या? पाठ्यपुस्तक से जानें कारण और बचाव के उपाय

कांस्टीपेशन (कब्ज) की समस्या केवल सामान्य और वृद्धों तक सीमित नहीं रह रही है, बल्कि यह बच्चों में भी आम हो गई है। बच्चों में कब्ज होना बेहद असामान्य हो सकता है और इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य रूप से गाय का दूध शामिल है। अगर आपके बच्चे को भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो यहां जानें इसके कारण और बचाव के उपाय।

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गाय का दूध और कांस्टीपेशन
मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव विशाल के अनुसार, बच्चों में कांस्टीपेशन का एक प्रमुख कारण गाय का दूध है। गाय के दूध में केसिन प्रोटीन की मात्रा अधिक होने से बच्चों में पाचन तंत्र की समस्या पैदा हो जाती है। इनमें माता-पिता अपने बच्चों को ऊर्जा के लिए अधिक मात्रा में गाय का दूध पिलाते हैं, जो बच्चों में ऊर्जा का कारण बनता है।

डॉ. गौरव ने बताया कि बच्चों को दूध का सेवन कितने मात्रा में करना चाहिए। गाय के दूध का अधिक मात्रा में सेवन करने से बच्चों के पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और इससे कब्ज, एलर्जी, एलर्जी और गुर्दे की बीमारियाँ हो सकती हैं। विशेषकर जब माता-पिता निर्मित दूध का प्रयोग किया जाता है, तो इससे बच्चों की सेहत को गंभीर खतरा हो सकता है।

गाय का दूध कब और कैसे पढ़ें?
डॉ. गौरव ने सलाह दी कि बच्चों को एक साल की उम्र तक गाय के दूध से पूरी तरह दूर रखा जाना चाहिए। जन्म के बाद से छह महीने तक शिशु के जन्म तक माँ का दूध सबसे अच्छा पोषण होता है। अगले छह महीने तक मां के दूध के साथ कुछ बाहरी खाद्य पदार्थ भी दिए जा सकते हैं, लेकिन एक साल से पहले गाय का दूध नहीं देना चाहिए।

दो से पांच साल की उम्र के बच्चों को उनके भोजन का केवल 20% हिस्सा गाय का दूध देना चाहिए। इससे बच्चों में दूध की अधिक कमी की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही, दूध से बने डेयरी उत्पाद बच्चों को खिलाना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह पाचन के लिए अधिक स्वादिष्ट होता है।

कांस्टीपेशन के अन्य कारण
कांस्टीपेशन केवल गाय का दूध पीने से ही नहीं होता, बल्कि इसके और भी कई कारण हो सकते हैं। इनमें थायरोहाइड्रेट की समस्या, पानी की कमी, भोजन के बीच पानी की कमी, और भोजन को ठीक से न चबाना शामिल हैं। बच्चों में इन उत्पादों से भी संपर्क किया जा सकता है, इसलिए इन पर ध्यान देना जरूरी है।

कांस्टेपेशन के लक्षण पहचानें
बच्चे की अपनी समस्या ठीक से न बोलें, इसलिए माता-पिता को उनकी बताई गई बातों पर ध्यान देना चाहिए। यदि बच्चे के पेट में दर्द हो, भूख न लगे, या पेशाब के दौरान जलन हो, तो यह कांस्टिपेशन के संकेत हो सकते हैं। इस समस्या को जल्द से जल्द पहचान कर इसका उपाय करना जरूरी है, ताकि बच्चे की सेहत पर कोई गंभीर प्रभाव न पड़े।

कांस्टीपेशन से मुक्ति के उपाय
अंतिम चरण: बच्चों को मध्यवर्ती आहार, जिसमें फल, आहार, और अल्पाहार युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों, देना चाहिए। इससे पाचन तंत्र बेहतर रहेगा।
पानी की उपलब्धता: बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं। पानी की कमी से भी कब्ज हो सकता है।
दूध की मात्रा नियंत्रण: बच्चों को गाय का सीमित दूध मात्रा में उत्पाद और दूध से बचाया जाता है।
सक्रिय रहना: बच्चों को शारीरिक रूप से सक्रिय बनाए रखने के लिए आहार में शामिल करें, जिससे उनका पाचन तंत्र सही तरीके से काम कर सके।
चौबकर खाने की आदत डालें: बच्चों को धीरे-धीरे और अच्छे से चबाकर खाना सिखाया जाता है, ताकि उनका पाचन अच्छा हो सके।
निष्कर्ष
बच्चों में कांस्टीपेशन की समस्या सामान्य हो रही है, लेकिन इसे समय रहते पहचान कर इसका सही इलाज और बचाव किया जा सकता है। गाय का दूध एक मुख्य कारण हो सकता है, इसलिए बच्चों के आहार में इसका उपयोग आवश्यक है। सही आहार, पानी की पर्याप्त मात्रा, और शारीरिक संरचना से लेकर बच्चों तक इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।


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