सेहत – ये 3 आक्सिया दिखने में तो मामूली हैं लेकिन घातक तक की परिभाषा में भी देर नहीं होती, समय रहते हैं साइलेंट किलर की कर लें पहचान, ये हैं लक्षण

3 साइलेंट किलर बीमारी के चेतावनी संकेत: अगर शरीर में मरीज़ों की बीमारी हो जाए तो लोग इसे बेहद युवाओं में ले लेते हैं लेकिन ध्यान रखें डायबिटीज़ की बीमारी साइलेंट किलर है और यह मौत के मुंह तक भी पहुंच सकती है। सहकर्मियों की तरह ही हाई ब्लड क्लॉथ और कुछ कैंसर का भी शुरुआत में पता नहीं चलता। इस वजह से इन चुनौतियों को लोग बेहद मामूली मान लेते हैं। शुगर की तरह हाई बीपी भी इसी तरह है। लोगों को ये बीमारी होती भी है तो ये बेहद मामूली तत्व होते हैं, यहां तक ​​कि लोगों में से ज्यादातर लोगों को तो बीपी, शुगर के इलाज के लिए कोई भी संवैधानिक बीमारी नहीं होती लेकिन ये बीमारी बेहद खतरनाक होती है। हालाँकि जब किसी को पैंक्रिएटिक कैंसर हो जाए तो यह रिपोर्ट ही मानक मानक ज़मीन खिसकती है लेकिन मुश्किल यह है कि इन तीन साइलेंट किलर दवाओं का पता शुरू ही नहीं होता है। माइग्रेन के लक्षण हो या हाई बीपी या कैंसर इनमें बार-बार कोई लक्षण नहीं होते। लोगों का पता तब चलता है जब ये चेकअप करवाते हैं। ये तीसरा खतरनाक साइलेंट किलर ऑर्किरा चुपके से शरीर में घुसती है और धीरे-धीरे शरीर को खोखला कर देती है।

इन साइलेंट किलर की पहचान कैसे करें

1. हाई ब्लड ऑपरेशनटीओआई एक खबर के अनुसार अगर हाई ब्लड प्रेशर कम हो जाए तो किसी भी दिन यह हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। इसमें मरीज की मृत्यु तक हो सकती है. दावों के मुताबिक दुनिया भर में करीब 2 अरब लोग हाई ब्लड प्लांट के शिकार हैं लेकिन इनमें से 70 करोड़ से ज्यादा लोगों को पता ही नहीं है। भारत में ऐसे लोगों की तादात बहुत ज्यादा है।

हाई ब्लड ख़राब होने के लक्षण
जैसा कि पहले ही कहा गया था कि हाई बीपी हो या बिजनेस शुरू में पता नहीं चलता। जब बीमारी हो तो उसके लक्षण देखे जा सकते हैं। ब्रिटिश हार्ट फ़ाउंडेशन का कहना है कि हाई ब्लड फैक्टर जब ज़्यादा होता है तो समस्या उत्पन्न होने लगती है। कभी-कभी नाक से खून भी आने लगता है. वहीं दम फूलने की बीमारी भी कभी-कभी शुरू हो सकती है। हाई बीपी के कारण सीने में दर्द, सिर में दर्द और चक्कर आना हो सकता है। ईसाइयों की सलाह है कि 20 साल बाद हर इंसान की लिपिड प्रोफाइल की जांच करानी चाहिए और हर महीने एक बार बीपी खुद से जरूर जांचना चाहिए।

2. कामगार-ऐसी ही साइलेंट किलर बीमारी है जो किडनी को अपंग बनाती है। इसमें बहुत दिन तक पता ही नहीं चला। संगति के गंभीर होने के बाद हार्ट अटैक, रक्त विकार, कैंसर, किडनी फेल्योर जैसी घातक घटनाएं हो सकती हैं। भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोग वर्कआउट कर चुके हैं।

संगत के लक्षण
व्यापार होने पर शुरुआत में कुछ संकेत दिख सकते हैं। जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ती दिखती है तो बार-बार प्यास लगती है। इस कारण बार-बार पेशाब भी आता है। खासकर रात को बहुत परेशानी होती है. रात में बार-बार पेशाब करने के लिए उठना पड़ता है। इसके साथ ही बहुत अधिक थकान और कमजोरी भी शुगर बढ़ने के संकेत हैं। अगर ऐसा हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यदि आपने शुरुआत में ही सिगरेट पर नियंत्रण नहीं किया तो इसके घातक परिणाम सामने आ सकते हैं।

3.पेनक्रिएटिक कैंसर-वैसे तो हर तरह के कैंसर की शुरुआत का पता नहीं चलता लेकिन पेनक्रिटिक कैंसर सबसे घातक साइलेंट किलर कैंसर में से एक है। यह ज्यादा अवसर नहीं देता है. पेनक्रिटिक कैंसर की शुरुआत में ही पहचान करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अगर आप समय-समय पर जांच के लिए सहमत हैं तो इसका पता लगाना मुश्किल भी नहीं है। इसलिए हमेशा इन चैलेंज को लेकर चौकन्ना बने रहें और सालों में इन सबके लिए एक बार टेस्ट जरूर खरीदें।

पेनक्रिटिक कैंसर के लक्षण
अगर आपको जॉन्डिस या पीलिया की बीमारी है तो हमेशा जांच कराते रहें क्योंकि ये बीमारी पेनक्रिटिक कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकती है। इसके अलावा कभी-कभी पेशाब में सामान्य से अधिक पीलापन या त्वचा के रंग में पीलापन दिखें तो डॉक्टर के पास जाएं। हालाँकि हमेशा पेनक्रिटिक कैंसर ही ख़त्म होना ज़रूरी नहीं है लेकिन चेक डायरिया रहेगा तो इसका फ़ायदा होगा और बीमारी का इलाज संभव होगा। हर तरह के कैंसर में यदि बिना कारण अचानक वजन कम हो जाता है और कुछ परेशानी हो रही है तो दवा से पूरी तरह ठीक नहीं होता है तो उसे कैंसर हो सकता है। इसलिए हमेशा चौकन्ना रहो.

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