सेहत – शादी के 12 साल बाद हुए संत, जोधपुर एम्स के छात्रों का कमाल, इस तकनीक से मिली सफलता, खर्च भी बेहद कम
जोधपुर. जोधपुर एम्स में इन-विट्रो फर्टिलाइजर (एआईएफ) के माध्यम से पहली बच्ची का जन्म हुआ, इसकी घोषणा बुधवार को की गई। जन्म लेने वाली पहली बच्ची है जो 30 अक्टूबर को हुई है। उनके माता-पिता की शादी के 12 साल बाद ये बच्ची हुई है. इनकी शादी को 12 साल हो गए थे और वे लंबे समय से संत की आस में थे। एम्स जोधपुर ने इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि कहा जा सकता है। एम्स के सलाहकारों की राय तो इस संस्थान की नई असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ए.आर.टी.) की पहली सफल आईवीएफ चाइल्ड है जिसने हाल ही में असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ए.आर.टी.) की सुविधा स्थापित की है। फोटो: शादी के 12 साल बाद जन्म वाली पहली बच्ची हुई है।
फरवरी 2024 में आईवीएफ एब्रियो पोस्टर प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी, और इसे एम्स जोधपुर के प्रसूति और महिला रोग विभाग के प्रमुख डॉ. प्रतिभा सिंह एवं अतिरिक्त प्रोफेसर डाॅ. मनु घोष की व्याख्या में संचालित किया गया। एम्स जोधपुर में उपलब्ध ए.आर.टी. असिस्टेड रिप्रोडक्टिव सेक्टर के लिए सुविधा निसान्तान बिल्डर्स उपलब्ध कराती है, जो निजी क्षेत्र में बिखरी हुई है। अब यह सुविधा पश्चिमी राजस्थान और आसपास के राज्यों के लिए सस्ते दाम पर उपलब्ध है।
एम्स जोधपुर की बड़ी उपलब्धि
एम्स जोधपुर के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर गोवर्धन दत्त पुरी ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं को हर डायरेक्शनल व्यक्ति तक पहुंचाना है। आईवीएफ बच्चे का जन्म और ए.आर.टी. सुविधा की शुरुआत इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यह सफलता हमारी चिकित्सा टीम की कड़ी मेहनत और उपहार का प्रतिफल है। इस उपलब्धि के साथ, जोधपुर एम्स अब निसंतान क्वेश्चन को अधिक स्वामित्व और आराम की सुविधा प्रदान कर सकता है।
पहले प्रकाशित : 7 नवंबर, 2024, 13:52 IST
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