सेहत – स्वस्थ रहने के लिए 1000 रुपये किलो वाली ये खास चीज, फायदे जानकर रह जाएंगे दंग

विवरण. वितरक खाने के शौकीनों का शहर है। यहां एक से बढ़कर एक खाने के सामान मिलते हैं। इस शहर में दूध से लेकर तरह-तरह की चीजें बनती हैं। ऐसे में ऐसा खास बनता है दूध से करीब 25 गुना चूरमा है. हम बात कर रहे हैं दूध से बनी मलाई की। यहां मलाई को लोग बड़े चाव के साथ खाते हैं. शाम को ही यहां मलाई की मूर्ति सजाई जाती है। ऐसे में यह मलाई सिर्फ शाम के बाद रात तक मिलती है।

यह मलाई की प्रकृति है कि यह मलाई की दो से तीन साल की है। इस मलाई का वजन 200 से 300 ग्राम तक होता है। यह मलाई पूरे साल में सिर्फ तीन से छह महीने तक की है। इस मलाई को खाने से चेहरे पर निखार भी बहुत आता है। इस शहर में जो भी देशी और विदेशी सैलानी आते हैं वो यहां शाम को मलाई बड़े शौक से आते हैं। ऐसे में यह मलाई की काफी आकर्षक बनी हुई है।

एक हजार रुपये की बिकती है मलाई
दिग्गज दीपचंद ओझा ने बताया कि वह तीसरी पीढ़ी के हैं जो मलाई और रबरी रोल का काम कर रहे हैं। हांडा महाराजा रबड़ी वाले की मलाई काफी प्रसिद्ध है। मलाई को बनाने में काफी समय लगता है। यह मलाई बिल्कुल शुद्ध दूध से बनाया जाता है। वह रोजाना 15 से 20 किलो दूध से मलाई तोड़ती है। ऐसे में दो बच्चे मालाई हैं। वह सीखती है कि मार्केट में मलाई को एक हजार रुपये किल बिक रहा है।

मलाई को बनाने में दूध काफी वेस्ट हो जाता है। प्रतिदिन 4 से 5 किलो दूध वेस्ट हो जाता है। उसने लिखा है कि यह मलाई बनाने का काम पूरे परिवार में रहता है। सुबह 11 बजे के बाद दूध को भट्टियां गर्म कर दी जाती हैं। जो करीब शाम 4 बजे तक मलाई बन जाती है। इसके बाद शाम को मलाई की सप्लाई शुरू हो गई है। यह मलाई सिर्फ एक दिन ही चलती है, वैसे यहां एक दिन के बाद मलाई खराब हो जाती है।

त्वचा के लिए स्वादिष्ट होती है मलाई
आयुर्वेदिक डॉक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि मलाई खाने से कई तरह के फायदे होते हैं। त्वचा के लिए मलाई में व्हेलफिश और प्रोटीन पाए जाते हैं जो त्वचा को कोमल और चमकदार बनाते हैं। हड्डियों के लिए बेहतरीन प्रोटीन युक्त कैल्शियम के कारण हड्डियों को मजबूती मिलती है। वजन घटाने वाले कई लोगों का मानना ​​है कि मलाई में मोटापा होता है और इसके सेवन से वजन काफी तेजी से बढ़ता है।


Source link

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News