अररिया में दो जोड़ों को मिला मुख्यमंत्री अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान
मंटू राय संवाददाता अररिया
अररिया जिले में मुख्यमंत्री अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना के तहत दो नवविवाहित जोड़ों को एक-एक लाख रुपये की सावधि जमा प्रदान की गई। जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार ने वर-वधू सूरज कुमार-सुषमा कुमारी और सागर कुमार-मनीता कुमारी को यह अनुदान राशि प्रदान की। यह योजना समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव को दूर करने और अंतर्जातीय विवाहों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा संचालित की जा रही है।
यह अनुदान राशि सामाजिक सुरक्षा निदेशालय, समाज कल्याण विभाग, पटना द्वारा जारी की जाती है। योजना के तहत, जो व्यक्ति अपनी जाति से भिन्न जाति में विवाह करते हैं, उन्हें शादी के दो वर्षों के अंदर आवेदन करने पर एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि सावधि जमा के रूप में प्रदान की जाती है। इस राशि का उपयोग नवविवाहित जोड़े अपने भविष्य के लिए कर सकते हैं।
अररिया जिला में इस वर्ष अब तक 25 लोगों को इस योजना का लाभ मिल चुका है, जो इस योजना की सफलता और प्रभावशीलता को दर्शाता है। यह संख्या, जातिगत बाधाओं को पार करते हुए, समाज में सकारात्मक बदलाव की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
योजना से लाभ उठाने के लिए, अंतर्जातीय विवाह करने वाले जोड़ों को शादी की तिथि से दो वर्षों के भीतर जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, अररिया में आवेदन करना होता है। आवेदन के साथ विवाह प्रमाण पत्र, वर और वधू के आयु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होते हैं। यह पारदर्शिता सुनिश्चित करती है और योग्य लाभार्थियों को इस योजना के लाभों तक पहुँचने में मदद करती है।
मुख्यमंत्री अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना, बिहार सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करती है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन को भी गति देती है। यह योजना जातिगत भेदभाव के खिलाफ एक कठोर रुख अपनाती है और समाज में समानता और सौहार्दपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देती है। इस योजना के माध्यम से, सरकार जातिगत रूढ़िवादिता को चुनौती दे रही है और एक समावेशी समाज के निर्माण की दिशा में काम कर रही है।
हालांकि, इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कुछ चुनौतियां भी हैं। कुछ दूर-दराज के इलाकों में जागरूकता की कमी और आवेदन प्रक्रिया से जुड़ी जटिलताएं योजना के लाभों तक पहुँचने में बाधा डाल सकती हैं। इसलिए, सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने और आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के उपाय करने चाहिए। साथ ही, भ्रष्टाचार को रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी निगरानी तंत्र की आवश्यकता है।
अररिया में दो जोड़ों को अनुदान राशि मिलना इस योजना की सफलता का एक प्रमाण है। यह योजना समाज के उन वर्गों के लिए एक आशा की किरण है जो जातिगत भेदभाव के कारण पीड़ित हैं। सरकार को इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने और अधिक से अधिक लोगों तक इसका लाभ पहुँचाने के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से मददगार है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में भी एक अहम भूमिका निभाती है। यह एक ऐसी पहल है जिससे समाज में समानता और न्याय के मूल्यों को मजबूत किया जा सकता है।