कसया क्षेत्र मे कबाड की दुकानो पर बेखौफ कट रहा है ट्रक

🔴 पलक झपकाते ही कबाड मे तब्दील हो जाते है ट्रक और लक्जरी वाहन

Table of Contents

कुशीनगर । जनपद के कसया थाना क्षेत्र में तकरीबन एक दर्जन कबाड के दुकानों पर चोरी के छोटे-बडे  वाहन और ट्रक काटकर उसके स्प्रेयर अवैध तरीके से बाहर भेजे जा रहे है। सूत्र बताते है कि इन कबाडियों के दुकान पर देश के विभिन्न प्रांतों से आए लक्जरी वाहन,  मालवाहक वाहन और  ट्रक पलक झपकते ही गैस कटर से काटकर कबाड़ का रूप में तब्दील हो जाते हैं। ऐसी चर्चा है कि इस अवैध काले धंधे को नगर का एक व्यक्ति का संरक्षण प्राप्त है जो स्थानीय प्रशासन व पुलिस से लगायत तथाकथित पत्रकारो को मैनेज कर इन कबाडियों के दुकान पर ट्रक आदि वाहन कटवाकर स्प्रेयर बाहर भेजता जाता है।

बतादे कि जनपद के कसया थाना क्षेत्र मे लगभग एक दर्जन ऐसे  कबाड़ की दुकानें संचालित हो रही है जो अवैध तरीके से चलते फिरते चोरी के वाहनों  को दिन के उजाले मे फलक झपकाते ही अलग पार्ट्स मे तब्दील कर दिये जाते है। बताया जाता है कि इन अवैध कबाड की दुकानो पर  दर्जनों मजदूर गैस कटर से दिन रात वाहनों को काटने का काम करते हैं। विश्वस्त सूत्रो की माने तो नगर का एक व्यक्ति जिसे लोग बैल के नाम से जानते है इन अवैध कबाड के कारोबारियों का संरक्षक बताया जाता है। सूत्रों का कहना है कि इसी शक्स के दम पर अवैध कबाडियों के दुकान पर ट्रक कटता है। इतना ही नहीं वाहनों के चेसिस नंबर और वाहन के बाडी बदलने का भी यहां खेल होता है, और कोई आख नही तरेरता है। सबब यह है कि यह व्यक्ति स्थानीय प्रशासन, पुलिस, तथाकथित पत्रकार और इस धंधे व इससे जुडे धंधेबाजो को नुकसान पहुचाने वाले व्यक्ति को मैनेज करता है। यही कारण है कि यह व्यक्ति खुलेआम चैलेंज करता है कि कोई उसका और उसके कारोबारियों का कुछ नही बिगाड सकता है। 

🔴एआरटीओ कार्यालय में नहीं है कोई पंजीकृत

गौरतलब है कि एआरटीओ कार्यालय में वाहन काटने के लिए जनपद में कोई भी कबाड़ व्यापारी न तो पंजीकृत है और न ही अधिकृत है। इसके बावजूद कसया क्षेत्र मे तकरीबन एक दर्जन कबाड़ के दुकान पर बेखौफ भारी वाहने काटी जा रही है। इतना ही कबाड व्यापारियों द्वारा वाहन काटने की सूचना तक एआरटीओ कार्यालय में नहीं दी जाती है।

🔵  रिपोर्ट – संजय चाणक्य 

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News