कोतवाली पुलिस की लापरवाही का परिणाम है दुर्गा प्रतिमा पर पथराव

🔴दुर्गा प्रतिमा पर हुए पथराव का मामला 

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कुशीनगर । पडरौना नगर के छावनी मे सोमवार को दुर्गा प्रतिमा ले जाते समय असमाजिक तत्वो द्वारा किये पथराव कही न कही स्थानीय पुलिस की घोर लापरवाही व चूक का परिणाम है। कहना ना होगा कि नवरात्र के पहले दिन से ही कोतवाली पुलिस सकुशल दुर्गा पूजा संपन्न कराने के मामले मे बेपरवाह दिख रही थी। सबब यह है कि नवरात्र पर्व शुरू होने के बाद भी कोतवाली पुलिस द्वारा न तो किसी देवी मंदिरों व संवेदनशील क्षेत्र और पांडालो के सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना किया गया और न ही दुर्गा प्रतिमा आयोजन समिति के साथ बैठक कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। 

जगजाहिर है कि शारदीय नवरात्र मे पंचमी के दिन से लगायत अष्टमी के दिन तक मूर्ति कारखाने से पांडाल तक दुर्गा प्रतिमा पहुचाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ऐसे में कहना मुनासिब होगा कि अपने उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देश को गंभीरता से लेते हुए पडरौना कोतवाली प्रभारी कार्य किये होते तो शायद दुर्गा प्रतिमा पर पथराव जैसी दुस्साहसी घटना नही घटित होता। सूत्रों कि माने तो पुलिस महकमा के उच्चाधिकारियों द्वारा लगातार स्थानीय थाना क्षेत्र के पुलिस प्रशासन को दुर्गा पूजा समिति के आयोजक मंडल के साथ बैठक कर इनपुट लेने का निर्देश सभी थानाओ को दिया जा रहा है। इसके बावजूद पडरौना कोतवाली के जिम्मेदार अपने दायित्वो का निर्वहन करने पूरी तरह नाकाम रहे। काश इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह दुर्गा पूजा आयोजन समिति के साथ बैठक व मूर्ति कलाकारों से मिल कर दुर्गा प्रतिमा पांडाल मे ले जाने के सूचना एकत्र कराकर निगरानी करते तो निसंदेह सोमवार को छावनी में दुर्गा प्रतिमा ले जाते समय मुस्लिम समुदाय के खुराफात युवको द्वारा पथराव नही किया गया होता। ऐसे में कहना गलत नही होगा कि दुर्गा प्रतिमा पर पथराव होना कही न कोतवाली पुलिस का चूक और लापरवाही का नतीजा है। हलांकि कि घटना की सूचना मिलने के बाद पडरौना कोतवाली पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर पहुचकर मौर्या संभाल लिया और प्रर्दशन कर रहे आक्रोशित युवको  समझा-बुझाकर शांत कराने में जुट गयी। इतना ही नही मौके की नजाकत को देखते हुए पुलिस ने देर शाम तक घटना मे शामिल दस लोगो को हिरासत मे ले लिया। इसके बाद पुलिस बवालियो का घर चिन्हित कर रातभर सर्च आपरेशन चलाकर इस घटना मे शामिल कुल 33 लोगों को गिरफ्तार किया जिसमे पांच नाबालिग और तीन महिलाएं शामिल है। 

🔵पूर्व में मूर्ति कलाकारों के संपर्क मे रहती थी पुलिस 

बतादे कि पूर्व मे शारदीय नवरात्र के दौरान पडरौना कोतवाली पुलिस अपने थाना क्षेत्र में मूर्ति बनाने वाले कलाकारों के संपर्क मे रहती थी। यही वजह है कि दुर्गा पूजा आयोजन समिति के लोग मूर्ति कारखाने से  कब और कहा दुर्गा प्रतिमा लेकर जा रहे है यह मूर्ति कलाकारों के माध्यम से पुलिस इसकी जानकारी लेती रहती थी। किन्तु अफसोस कोतवाली पुलिस इस बार यह चूक कर दी है।

🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य 

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