क्या आपका बच्चा मॉल या मार्केट में पहुंचते ही सामान लेने की करता है जिद? एक्सपर्ट में बताए 3 टिप्स #INA
How to manage baby when he cries in market: बच्चे कब, कहां, किस चीज के लिए मचल जाएं किसी को नहीं पता होता है. लेकिन अक्सर पेरेंट्स की शिकायत होती है कि बच्चे जब भी उनके साथ मॉल या किसी मार्केट में जाते हैं तो किसी न किसी सामान लेने के लिए जिद करना शुरू कर देते हैं. मॉल या मार्केट में टैंट्रम करना अक्सर सभी बच्चों की आदत होती है. ऐसे अक्सर लोगों के साथ होता है कि बच्चे ने कुछ मांगा, आपने मना कर दिया को बच्चा वहीं चीखने चिल्लाने लगता है. अगर आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं तो यहां हम आपके लिए इसक आसान सा समाधान लेकर आएं हैं. इंस्टाग्राम पर पेरेंटिंग एंड लाइफ कोच परीक्षित जोबनपुत्रा ने एक वीडियो शेयर करके 3 ऐसे टिप्स बताएं हैं जिनके जरिए आप बच्चे के टैंट्रम को कंट्रोल कर सकते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.
सबसे पहले समझे पेरेंट्स ये बात
एक्सपर्ट्स ने बताया कि सबसे पहले पेरेंट्स को समझना चाहिए कि 1.5 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को गुस्सा आना उनके व्यवहार का सामान्य हिस्सा है. बच्चे दिन में एक बार 5-10 मिनट के लिए गुस्सा हो सकते हैं. यह गुस्सा तेज भी हो सकता है और कुछ देर का भी.
जिद करने पर बच्चों को तुरंत दिलाएं कुछ चीजें
एक्सपर्ट ने समझाते हुए कहा कि अगर मार्केट में बच्चा कुछ लेने की जिद कर रहा है तो सबसे पहले सुनें की उसे क्या चाहिए. ऐसी कुछ चीजें हैं, जो बच्चा अगर मॉल या मार्केट में खरीदने के लिए कहे, तो उसे दिला देनी चाहिए. जैसे बच्चा अगर कलर्स की डिमांड करे, तो बिना मना किए उसे दिला दें. क्योंकि यह चीज उनके काम की है. इससे बच्चे को समझ आ जाएगा कि मैं अगर शांति से कुछ मांगू , तो मेरी बात मानी जाएगी.
इंतजार करने के लिए समझाएं
एक्सपर्ट्स ने बताया कि बच्चों को इंतजार करने की आदत भी डलवानी चाहिए. कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं, जिसकी बच्चे को अभी जरूरत नहीं है, फिर भी खरीदने की जिद करता है. ज्यादातर पेरेंटस ऐसी चीज के लिए सीधे मना कर देते हैं. इससे बच्चे का गुस्सा और तेज हो जाता है. इसके बजाय आपको बोलना चाहिए कि यह चीज आपको अगले सप्ताह में दिलाएंगे. इंतजार करना होगा. इससे बच्चा इंतजार करना सीखेगा और सीखेगा कि हर चीज तुरंत मांगने पर नहीं मिलती.
कई बार बच्चों को न कहना भी होता है जरूरी
कई बार बच्चे उन चीजों की डिमांड करने लगते हें, जो उनकी उम्र और जरूरत के हिसाब से नही है, लेकिन फिर भी उनको चाहिए. ऐसे में पेरेंट्स को तुरंत मना कर देना चाहिए.
ऐसे कंट्रोल होगा बच्चे का टैंट्रम
एक्सपर्ट ने बताया कि अगर पेरेंट्स तीन स्थितियों से बच्चे काफी कुछ सीख सकते हैं. बच्चे का हां सुनना भी जरूरी है, न सुनना भी जरूरी है और इंतजार करना भी. तभी उसके माइंड के अंदर न्यूरॉन्स का कनेक्शन बनेगा और वह तीनों कंडीशन के लिए तैयार रह सकेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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