खबर फिली – कभी रेलवे ट्रैक पर कोयला चुनता था ये एक्टर, 300 से भी ज्यादा फिल्मों में किया काम – #iNA @INA

कई लोगों की ये चाहत होती है कि वो फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाएं. हालांकि, हर किसी का ये सपना पूरा नहीं हो पाता है. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनी मंजिल को पाने के लिए हार नहीं मानते और वो एक दिन उस मुकाम पर पहुंच ही जाते हैं. ओम पुरी भी एक ऐसे ही एक्टर थे, जिन्होंने कभी हार नहीं मानी और बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर्स में शुमार हो गए.

आज ओम पुरी भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने इतनी ज्यादा और बेहतरीन फिल्में की हैं, अलग-अलग तरह के किरदार निभाए हैं, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता है. 18 अक्टूबर को उनकी बर्थ एनिवर्सरी है. इस मौके पर चलिए आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं.

कन्नड़ सिनेमा से करियर की शुरुआत

ओम पुरी ने अपना फिल्मी करियर कन्नड़ सिनेमा से शुरू किया था. उनकी पहली फिल्म ‘कल्ला कल्ला बचितको’ थी, जो 1975 में आई थी. इस फिल्म के बाद उन्होंने कन्नड़ के साथ-साथ मराठी, गुजराती, पंजाबी, बंगाली, मलयालम, तेलुगु, इंग्लिश, हिन्दी समेत और भी कई भाषाओं की फिल्मों में काम किया. रिपोर्ट की मानें तो उन्होंने अपने करियर में 300 से ज्यादा फिल्में की थीं. वो भले ही इंडस्ट्री में एक बड़े मुकाम पर थे, लेकिन उनका यहां तक का सफर आसान नहीं था. उनका बचपन गरीबी में गुजरा था.

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ओम पुरी के परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी. रिपोर्ट के अनुसार जब वो पांच साल के थे तो रेलवे ट्रैक से कोयला चुनकर अपने घर लाते थे, जिससे उनकी मां खाना बनाया करती थीं. इतना ही नहीं परिवार को सपोर्ट करने के लिए वो चाय की दुकान पर काम भी किया करते थे.

कॉलेज में एक्टिंग में दिलचस्पी हुई

रिपोर्ट्स में ये भी बताया जाता है कि कॉलेज के दिनों में वो लैब असिस्टेंट के तौर पर करते थे, साथ ही शाम में ट्यूशन भी पढ़ाते थे. ये भी कहा जाता है कि उनके घर से उनका कॉलेज 30 किलोमीटर दूर था और वो इतनी दूर साइकिल से जाते थे. बताया जाता है कि कॉलेज के दिनों में ही उनका इंटरेस्ट एक्टिंग में हुआ और उन्होंने थिएटर ड्रामा में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था. और फिर वहां से उन्होंने बॉलीवुड का सफर तय किया. और ऐसा तय किया कि उनके दुनिया से जाने के बाद भी लोग उन्हें याद करते हैं.


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