खबर फिली – कहानी अनुराग कश्यप की उस विवादित फिल्म की, जिसे 2-2 बार लिखा गया, रिलीज 1 बार भी नहीं हुई – #iNA @INA

अनुराग कश्यप की डेब्यू फिल्म है ‘पांच’. इसे उन्होंने आज से 22 साल पहले रिलीज करने का प्लान किया था. लेकिन फिल्म रिलीज नहीं हो सकी. इसके कई कारण बताए जाते हैं. इनमें से सबसे बड़ा कारण था फिल्म पर बैन लगना. उनकी एक और फिल्म ‘ब्लैक फ्राइडे’ पर भी बैन लगा था. बहरहाल अपन ‘पांच’ पर लौटते हैं. इसके प्रोड्यूसर टूटू शर्मा का कहना है कि वो इसे फिर से रिलीज करेंगे. इसे सेंसर बोर्ड से हरी झंडी मिल गई है.

चूंकि फिल्म दो दशक पहले बैन की गई थी, इसलिए फिल्म के नेगेटिव्स खराब हो गए हैं. इनको दोबारा से रीस्टोर किया जा रहा है. ‘पांच’ अगले 6 महीने में रिलीज की जाएगी. आज हम आपको इसी पिक्चर की कहानी सुनाएंगे. आखिर इस फिल्म में ऐसा क्या था कि इस पर बैन लगा. केके को फिल्म के समय चोट कैसे लगी थी? मनोज फिल्म के लिए फर्स्ट चॉइस थे. इस फिल्म को अनुराग कश्यप ने दोबारा क्यों लिखा? आइए शुरू करते हैं.

सेंसर बोर्ड ने क्यों लगाया था बैन?

सेंसर बोर्ड की तरफ से कहा गया था – इसमें हत्या, सेक्स और ड्रग्स का महिमामंडन है. इन सब चीजों की फिल्म में अति है. इसलिए फिल्म आम पब्लिक के लिए रिलीज नहीं की जा सकती. फिर विजय आनंद सेंसर बोर्ड में आए और उन्होंने इसे पास कर दिया. पर प्रोड्यूसर और डिस्ट्रीब्यूटर्स की किसी समस्या के चलते ‘पांच’ थिएटर में रिलीज नहीं हो सकी. बाकी पब्लिक प्लेटफॉर्म्स पर फिल्म मौजूद है. इसे देखा जा सकता है.

असल केस पर आधारित है फिल्म

‘पांच’ पुणे में हुए जोशी-अभ्यंकर सीरियल मर्डर केस पर आधारित है. इस घटना के एक अभियुक्त मुनव्वर शाह ने इसे किताब की शक्ल दी. मराठी भाषा की इस किताब का नाम था ‘यस, आय एम गिल्टी’. फिल्म इसी पर लूजली बेस्ड है. इसमें केके मेनन लीड रोल में थे. आदित्य श्रीवास्तव, विजय मौर्य और तेजस्विनी कोल्हापुरे भी फिल्म का हिस्सा थे.

मनोज बाजपेयी के साथ बनने वाली थी फिल्म?

ऐसा कहा जाता है कि इसे अनुराग, मनोज बाजपेयी के साथ बनाना चाहते थे. जब बात नहीं बनी, तब ये फिल्म केके मेनन के पास गई. दरअसल अनुराग ने इस फिल्म के लिए मकरंद देशपांडे के थिएटर ग्रुप ‘अंश’ से एक्टर लिए थे. अनुराग भी कभी इस थिएटर ग्रुप का हिस्सा थे. मनोज शुरुआती दौर में ‘पांच’ में काम करने वाले थे. फिर ‘सत्या’ और ‘शूल’ जैसी फिल्में रिलीज हो गईं. मनोज बाजपेयी स्टार बन गए. अनुराग कश्यप के पास इतने पैसे नहीं थे कि उन्हें दिए जा सकें. इसलिए उन्होंने केके को अप्रोच किया.

अनुराग ने मनोज की बात मानी होती, तो बहुत पहले डेब्यू हो गया होता!

मनोज बाजपेयी की फिल्म ‘शूल’ को अनुराग कश्यप ने लिखा था. इसे उन्होंने डायरेक्ट करने से मना कर दिया था. मनोज चाहते थे कि वो ही इसे डायरेक्ट करें, ये खुद मनोज ने एक जगह बताया है. अनुराग के ‘शूल’ न डायरेक्ट करने का कारण बताया जाता है- वो बतौर निर्देशक अपना डेब्यू ‘पांच’ से ही करना चाहते थे. ऐसा हुआ भी, लेकिन ये फिल्म कभी रिलीज नहीं हो सकी.

इस हॉलीवुड पिक्चर की वजह से दोबारा लिखी गई फिल्म

अनुराग कश्यप पहले ‘पांच’ में केके वाले लीड कैरेक्टर को काल्पनिक रखना चाहते थे. फिल्म लिखी जा चुकी थी. उसी वक्त ब्रैड पिट की ‘फाइट क्लब’ आ गई. इसमें ऑलरेडी एक ऐसा ही कैरेक्टर था. इसके बाद अनुराग नहीं चाहते थे कि उनकी इस फिल्म को कॉपीड कहा जाए. इसलिए उन्होंने ‘पांच’ की स्क्रिप्ट दोबारा लिखी. माने अभी जो हमने ‘पांच’ देखी, वो कुछ और है, पहले इसकी कहानी एकदम अलग थी.

म्यूजिकल फिल्म बनाने चले थे, क्राइम थ्रिलर बन गई

दरअसल जब 1993 के आसपास अनुराग सेंट जेवियर्स के हॉस्टल में रहते थे. तब उनकी मुलाकात एक ‘ग्रीक’ नाम के बैंड से हुई, जिसे बाद में ‘प्रलय’ के नाम से जाना गया. अनुराग ने इन बैंड मेम्बर्स के डेली रूटीन को फॉलो करते हुए 40 पन्नों के नोट्स बनाए. इस पर एक स्क्रिप्ट जैसा कुछ लिखा. तब इसका नाम ‘मिराज’ था. हालांकि अनुराग इसे ‘पैरासाइट्स’ बताते हैं. फिर उन्होंने मीरा नायर के साथ काम करते हुए जोशी-अभ्यंकर केस को डिस्कवर किया. उन्होंने इस केस को अपनी ‘पैरासाइट्स’ वाली कहानी में पिरो दिया और फिल्म बनी ‘पांच’.

प्रोड्यूसर ने केके और अनुराग को बनाया बुद्धू

दरअसल फिल्म पर बैन हट चुका था. अनुराग और केके को उम्मीद थी कि फिल्म रिलीज होगी. इसके बाद उन्हें अच्छे काम मिलेंगे. केके को लग रहा था कि ये फिल्म उन्हें स्टार बना सकती है. उन्हें अच्छा काम मिल सकता है. प्रोड्यूसर टूटू शर्मा उनसे कहते कि अभी कोई फिल्म मत साइन करना, हम ‘पांच’ रिलीज करने वाले हैं. उन्हें भी लगता कि फिल्म रिलीज हो जाएगी, तो भरपूर और अच्छा काम कर सकेंगे. टूटू फिल्म की होर्डिंग्स लगाते और कहते अब बस फिल्म रिलीज ही होने वाली है. लेकिन ऐसा कभी हो नहीं सका. कहते हैं उनका और डिस्ट्रीब्यूटर्स का कुछ विवाद हो गया और फिल्म डिब्बाबंद हो गई.

अनुराग कश्यप बने थे बॉडी डबल

केके को स्विमिंग नहीं आती थी. उन्होंने सीखने की कोशिश भी की, लेकिन उस समय सीख नहीं सके. फिल्म के लिए तैरना आना बहुत जरूरी था. अब क्या किया जाता! अनुराग ने एक तरकीब लगाई. उन्हें तैरना आता था. उस वक्त वो पतले भी थे. इसलिए केके और उनकी कदकाठी लगभग एक जैसी दिखती थी. इसलिए पानी में डाइव करने की एक्टिंग केके कर देते. बाकी पानी के अंदर असल में तैरने वाला सारा काम अनुराग खुद करते थे. माने अनुराग कश्यप फिल्म में एक तरह से केके के बॉडी डबल थे. इस फिल्म के दौरान केके को चोट भी लगी थी. उनका सिर लकड़ी के बॉक्स पर लग गया था. चोट गंभीर थी, उनके सिर पर टांके भी लगाने पड़े थे.

ये फिल्म जब रिलीज नहीं हो सकी, तो इसे लीक कर दिया गया. ऐसा कहा गया कि फिल्म को खुद अनुराग कश्यप ने ही लीक किया था. हालांकि वो इस बात से इनकार करते हैं. लेकिन उन्होंने अपनी एक दूसरी फिल्म ‘ब्लैक फ्राइडे’ की पायरेसी खुद की थी. इसे वो स्वीकार भी करते हैं.


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