खबर फिली – जब सलमान के पिता सलीम खान ने बताया दिवाली पर जुआ क्यों खेलते हैं? धन लक्ष्मी से सीधा कनेक्शन – #iNA @INA

आम लोगों से लेकर बॉलीवुड तक के सितारे भी दिवाली धूमधाम से मनाते हैं. दिवाली सभी का फेवरेट त्योहार है. बॉलीवुड की दिवाली भी काफी मशहूर है. इंडस्ट्री के बड़े-बड़े परिवारों में रोशनी के इस त्योहार को जमकर सेलिब्रेट किया जाता है. सलमान खान और उनका परिवार हर त्योहार को और हर धर्म को मानता है. खान फैमली में दिवाली भी मनाई जाती है और ईद भी. दिवाली पर अक्सर लोग अपने घर के धन की पूजा करते हैं. आपने सुना होगा कि दिवाली पर जुआ भी खेला जाता है, लेकिन ऐसा क्यों करते हैं, इसका जवाब सलमान खान के पिता सलीम खान दे चुके हैं.

दरअसल सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में सलीम खान बताते हुए नजर आ रहे हैं कि दिवाली पर लोग जुआ क्यों खेला करते थे. इसका सीधा कनेक्शन लक्ष्मी जी से है. वायरल क्लिक में सलीम खान कहते हैं, “बड़े-बड़े लोगों से पूछ लीजिए कि दिवाली पर जुआ क्यों खेलते हैं? करोड़ों का जुआ होने लगा है अब तो, हॉन्ग कॉन्ग में हो रहा है, लंदन में हो रहा है..किसी से पूछा आजतक की कि क्यों खेलते हैं जुआ?”

दिवाली पर जुआ क्यों खेलते हैं?

सलीम खान खुद इस सवाल का जवाब भी देते हुए कहते हैं, “अपनी सारी पूंजी को, अपने सारे जेवरात को रखकर लक्ष्मी पूजा होती थी. एक तय समय पर. इसमें अपने बहीखाते होते थे, अपने असेट्स भी होते थे, कॉन्ट्रैक्ट भी होते थे, इन सबको रखते थे और पूजा करते थे. कई मर्तबा इतना सारा धन देखने के बाद, एक अहंकार आ जाता था कि देखों मेरे पास कितनी दौलत है. लोग कौड़िया लेते थे, उसको लक्ष्मी का सिंबल बनाते थे और 15 मिनट जुआ खेलते थे कि देखो, कि लक्ष्मी तो है लेकिन कितनी जल्दी हाल बदलती है. इसे अपने सिर पर न चढ़ने दें.”

View this post on Instagram

A post shared by Salim Khan Fans (@salimkhanfans)

सलीम खाने आगे कहा, “लक्ष्मी है, आज तुम्हारे पास है, कल इसके पास है. वो लोग कौड़ी रखते थे, आज इसके पास कल उसके पास. बहुत अच्छी चीज है ये. लेकिन इसपर घमंड इसपर अहंकार नहीं.” सलीम खान की बात को लोग पसंद कर रहे हैं. बीते कुछ महीनों से सलमान खान और खान फैमली को लगातार धमिकायां मिल रही हैं. बीते मंगलवार को भी सलमान खान को मारनी की धमकी मिली है.


Source link

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science