खबर फिली – जमीन पर बैठकर Shah Rukh Khan ने कहानी सुनी, फिर सलमान-अनिल की ठुकराई फिल्म को सुपरहिट बना दिया – #iNA @INA

शाहरुख खान ने अपने करियर की शुरुआत 1992 में आई फिल्म ‘दीवाना’ से की थी. फिल्म में शाहरुख, ऋषि कपूर के साथ नजर आए थे. इसके एक साल बाद ही उन्होंने करियर में बड़ा रिस्क लेते हुए अब्बास-मस्तान की ‘बाजीगर’ साइन कर ली. इस फिल्म में उन्होंने निगेटिव शेड वाला कैरेक्टर निभाया था. इस फिल्म के बाद शाहरुख के फिल्मी करियर को सही मायनों में उड़ान मिली थी. पर ये फिल्म शाहरुख को आसानी से नहीं मिली. अनिल कपूर और सलमान खान जैसे सितारों ने इसे ठुकरा दिया था, तब निर्देशक शाहरुख के पास गए थे.

अब्बास और मस्तान ने कुछ महीनों पहले कोमल नाहटा को एक इंटरव्यू दिया था. इस दौरान उन्होंने बाजीगर में शाहरुख खान को कास्ट करने का किस्सा सुनाया था. मस्तान बरमावाला ने कहा था, “जब बाजीगर की कहानी तैयार हुई थी तो सबसे पहले हमने अनिल कपूर को कॉन्टैक्ट किया था. वो रूप का रानी और चोरों का राजा की शूटिंग महालक्ष्मी में कर रहे थे. उन्होंने बुलाया और हमने जाकर उन्हें नेरेशन दिया.”

कहानी सुनने के बाद अनिल कपूर ने अब्बास-मस्तान से कहा कि कहानी बहुत रिस्की है. मस्तान ने कहा कि अनिल कपूर ने कहानी की तारीफ की और हमारा हौंसला बढ़ाया पर फिल्म करने से इनकार कर दिया.

सलमान को किया अप्रोच

मस्तान ने बताया कि अनिल कपूर के इनकार के बाद वीनस वालों ने सलमान खान को अप्रोच किया. मस्तान ने बताया, “उस वक्त सलमान राजश्री की फिल्में कर रहा था. वो सब फैमिली वाली फिल्में थीं.” मस्तान ने कहा कि सलीम साब (सलीम खान सलमान के पिता) ने बता दिया कि करियर की शुरुआत में सलमान के लिए ऐसी फिल्म करना सही नहीं होगा.

शाहरुख खान को ऐसे मिली बाजीगर

मस्तान ने कहा कि हमने आपस में बैठकर शाहरुख खान को लेने पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि शाहरुख वीनस के ऑफिस में किसी और स्क्रिप्ट को सुनने के लिए आए हुए थे. उन्होंने वो स्क्रिप्ट अलग कमरे में बैठकर सुनी और फिर जब वो जूते पहन रहे थे तो उन्होंने हमें देख लिया. हम वहां बैठे थे. उन्होंने हमारी फिल्म खिलाड़ी की तारीफ की और कहा कि मेरे लायक कोई फिल्म हो खिलाड़ी जैसी थ्रिलर तो बताना. ये बात उन्होंने हमें पहले बोली थी. जो हमें याद थी.

इसके बाद अब्बास-मस्तान ने शाहरुख से संपर्क किया तो वो तुरंत कहानी सुनने को मान गए. मस्तान बताते हैं, “हम राइटर्स को लेकर बैठे. जब नेरेशन की बात आई तो हम राइटर्स को तो लेकर गए ही थे. सुनाने के लिए बोला तो शाहरुख बोला नहीं. राइटर्स से नहीं, मैं आपसे सुनुंगा. मैंने कहा कि हम खराब नेरेटर हैं. हम अच्छा नेरेशन नहीं दे पाएंगे. उन्होंने बोला अच्छा बुरा जो भी हो , आप सुनाएंगे तो मुझे पता चलेगा कि आप क्या सोच रहे हैं.”

इसके बाद मस्तान ने कहा, “हम दोनों ने कहानी सुनाई. हम कुर्सी पर बैठे थे, वो नीचे बैठे थे. उन्होंने जमीन पर बैठकर कहानी सुनी. जैसे ही कहानी पूरी हुई. उन्होंने उठकर हम दोनों को गले लगा लिया. बोला क्या कहानी है. मैं ये करूंगा…वहीं पर उन्होंने फिल्म के लिए हां कर दी.”


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